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ममता की अनूठी मिशाल, बच्चे के लिए मां भर्ती हुई आइसोलेशन वार्ड में,पिलाए अपना दूध

दरभंगा, 16 अप्रैल (हि.स.)। दुनिया में मां से ज्यादा ताकतवर कोई नहीं होता है। इसकी बानगी शुक्रवार को दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (डीएमसीएच) में देखने को मिली। डीएमसीएच में भर्ती पांच माह का कोरोना पॉजिटिव बच्चा जब भूख से बिलखने लगता है, तो मनाही के बाबजूद उसकी मां उसे सीने से लगा लेती है।जबकि वह जानती है कि उसके भी संक्रमित होने का खतरा है। फिर भी ममता के हाथों मजबूर मां बच्चे को दूध पिलाने से अपने-आपको रोक नहीं पाती है। डीएमसीएच के आइसोलेशन वार्ड में जिले के सदर प्रखंड के एक गांव का पांच माह का कोरोना संक्रमित बच्चा भर्ती है। उक्त बच्चे के मां-बाप कोरोना निगेटिव है। दुर्भाग्यवश बच्चा पॉजिटिव आ गया है। पहले दो दिनों तक बच्चा अकेले ही आइसोलेशन वार्ड में भर्ती रहा और मां को पास में ना पाकर रोता-बिलखता रहा। भूख लगने पर जोर से चिल्लाने लगता। इधर वार्ड के एक शेड में बैठी उसकी मां की नजर जब भी अपने बिलखते बच्चे पर पडती, कलेजे पर पत्थर रख लेती। आखिरकार तीसरे दिन अपने रोते-बिलखते बच्चे को देख उसके धैर्य का बांध टूट गया और अपनी जान की परवाह किये बगैर सीधे वो आइसोलेशन वार्ड में घुस आई। इस बीच वहां मौजूद नर्स व अन्य स्वास्थ्य कर्मी उसे रोकते रहे। लेकिन वो नहीं मानी और बच्चे को दूध पिलाने लगी। तब कहीं जाकर बच्चा चुप हुआ बच्चे की मां ने कहा कि वह बेटे को लेकर घर नहीं जाएगी। अगर बेटे को घर ले गई, तो उसका इलाज कैसे होगा। क्योंकि उसका घर डीएमसीएच से काफी दूर है। वहां कोई डाक्टर इलाज करने नहीं जाएगा। इसीलिए जब तक बेटे का कोरोना ठीक नहीं होता, तब तक वह बच्चे के साथ आइसोलेशन वार्ड में ही रहेगी। उसने कहा दो दिनों से उसका बेटा जब उससे दूर था, वो चैन की सांस भी नहीं ले पा रही थी। अब बेटे को नजर के सामने देख उसे संतोष है। इस बाबत यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन की माने तो वायरस संक्रमण के जोखम से स्तनपान के फायदे अधिक है। कोरोना संक्रमित बच्चे को मां के दूध से अलग नहीं किया जाना चाहिए। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक अब तक हम मां के दूध यानि ब्रेस्टमिल्क में किसी लाइव वायरस का पता नहीं लग पाया है। कई मामलों में ब्रेस्टमिल्क में वायरस के आरएनए के टुकड़े पाए गए हैं। ( कोरोना वायरस आरएनए यानि एक प्रोटीन मालीक्यूल से बना है), लेकिन अबतक असल में ब्रेस्टमिल्क कोई लाइव वायरस नहीं मिला है। लिहाजा मां से बच्चे में कोरोना संक्रमण फैलने के खतरे की संभावना को साबित नहीं किया जा सका है। हिन्दुस्थान समाचार/मनोज

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