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श्रीमद्भागवत पुराण रखने से घर बन जाता है देवालय : जीयर स्वामी

आरा,31 जनवरी(हि. स.)।भोजपुर जिले के जगदीशपुर नगर पंचायत स्थित बहरसी मां काली मंदिर दयाराम के पोखरा परिसर में भारत के महान संत श्री त्रिदंडी स्वामी जी महाराज के परम शिष्य श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी के सान्निध्य में चल रहे श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में भक्तोंं की भारी भीड़ उमड़ रही है। रविवार को यज्ञ में हजारों भक्तोंं और श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी।उत्साह और उमंग के बीच श्री लक्ष्मी नारायण यज्ञ में स्त्री, पुरुष बच्चे और बुजुर्गों का आना -जाना लगा हुआ है।जगदीशपुर का बहरसी काली मंदिर प्रांगण से धर्म और संस्कृति की गूंज गांव -गांव तक पहुंचने लगी और लोगोंं की लगातार भीड़ यज्ञ स्थल की तरफ उमड़ती दिखाई देती है। श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज के दर्शन करने को हर कोई बेताब है और जीयर स्वामी जी अपनी कुश की बनी कुटिया में आकर सबको दर्शन दे रहे हैं।प्रवचन का कार्यकम भी जारी है।धूप, दीप से पूरा यज्ञ स्थल पवित्र हो गया है। भक्त यज्ञ के लिए बनी यज्ञशाला की परिक्रमा करने में लगे हुए हैं। जगदीशपुर के काली मंदिर परिसर में अद्भुत, अद्वितीय,अलौकिक और अकल्पनीय नजारे और धार्मिक माहौल के बीच जीयर स्वामी जी का प्रवचन चल रहा है। स्वामी जी के अमृतरूपी कई प्रसंगों को सुनकर भक्त और श्रद्धालु भाव विभोर हो रहे हैं। रविवार को अपने प्रवचन के दौरान जीयर स्वामी जी ने भक्तोंं को कई अमृत वाणियोंं से अवगत कराया। प्रवचन के दौरान उन्होंने कहा कि अपने घर मेंं श्रीमद्भागवत कथा पुराण जरूर रखना चाहिए।श्रीमद्भागवत पुराण साक्षात श्री कृष्ण का स्वरूप है।घर मे श्रीमद्भागवत पुराण रखने से घर देवालय बन जाता है।उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत पुराण के कथा का पाठ भी करना चाहिए। जीयर स्वामी जी ने अपने प्रवचन के दौरान भक्तो को समझाते हुए कहा कि धर्म एक ही है किंतु दर्शन अलग- अलग हैं। धर्म एक ही है और वह है सनातन धर्म,वैदिक धर्म।सनातन धर्म का अस्तित्व कल भी था, आज भी है और कल भी रहेगा।सनातन धर्म हमारे तन में,मन मेंं और व्यवहार में समाया हुआ है।इसकी जड़ें मजबूत हैंं। भोजपुर के जगदीशपुर में यज्ञ के लिए पहुंचने पर एकदिन पूर्व जीयर स्वामी जी का गाजे-बाजे और हाथी-घोड़े के साथ भक्तों ने उनका स्वागत और अभिनन्दन किया। श्री लक्ष्मी नारायण यज्ञ स्थल पर अद्भुत और अकल्पनीय नजारा देखने को मिल रहा है।शाम होते ही यज्ञ स्थल रौशनी की छटाओं से जगमगा रहा है।यज्ञ स्थल पर धार्मिक पुस्तकों की भी बिक्री हो रही है और इसके लिए अलग से बुक स्टॉल लगाया गया है जहां गीता प्रेस की पुस्तकों का विशाल संग्रह मौजूद है। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/विभाकर-hindusthansamachar.in

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