चीनी कंपनी हुवावे और जेट कॉरपोरेशन को 5 जी नेटवर्क से बाहर रखे सरकारः कैट
चीनी कंपनी हुवावे और जेट कॉरपोरेशन को 5 जी नेटवर्क से बाहर रखे सरकारः कैट

चीनी कंपनी हुवावे और जेट कॉरपोरेशन को 5 जी नेटवर्क से बाहर रखे सरकारः कैट

पटना, 05 जुलाई (हि.स.)। चीनी सामान के बहिष्कार के अपने राष्ट्रीय अभियान के अंतर्गत कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) बिहार ने भारत सरकार से यह मांग की है कि देश में कुछ समय बाद लागू होने वाले 5जी नेटवर्क की प्रक्रिया से चीनी कंपनियों हुवावे तथा जेट कॉरपोरेशन को पूर्ण रूप से बाहर रखा जाए। केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद को रविवार को भेजे एक पत्र में कैट ने मांग की है कि भारत की सम्प्रभुता, राष्ट्रीय सुरक्षा तथा लोगों के व्यक्तिगत डाटा की सुरक्षा को देखते हुए इन दोनों कंपनियों को 5 जी नेटवर्क में भाग न लेने का निर्णय लिया जाए। चीन भारत की सीमा पर कई प्रकार की अवांछनीय गतिविधियां कर रहा है, ऐसी स्थिति में किसी भी चीनी कम्पनी को सुरक्षा से सम्बंधित किसी भी विषय पर जोड़ना भारत के हित में नहीं है। रविवार को यह बात कैट के बिहार अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा ने कही। कैट बिहार के चेयरमैन कमल नोपानी, अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा और महासचिव डॉ. रमेश गांधी ने केंद्रीय मंत्री को भेजे पत्र में कहा है कि जिस प्रकार से सरकार ने देश की सुरक्षा और सम्प्रभुता को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से हाल ही में 59 एप को प्रतिबंधित किया है, उसी नीति का पालन करते हुए सरकार को हुवावे और जेट कॉरपोरेशन को 5 जी प्रक्रिया में शामिल नहीं होने देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तेजी से भारत में स्मार्टफोन के उपयोग में प्रतिवर्ष वृद्धि हो रही है, उससे भारत का विशाल डाटा भी 5 जी के जरिये इकठ्ठा होगा। उस डाटा का कोई दुरुपयोग न हो और डाटा भारत के हितों के विरुद्ध इस्तेमाल न हो, उसे रोकने के लिए वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए इन दोनों कंपनियों को 5 जी नेटवर्क से दूर रखा जाना देश हित में होगा। वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुकेश कुमार नंदन और कोषाध्यक्ष अरुण कुमार ने भारत सरकार और अन्य राज्य सरकारों की सराहना करते हुए कहा कि इस विषय की गंभीरता इसी बात से समझी जा सकती है की केंद्र सरकार ने तत्काल कदम उठाते हुए जहां चीनी एप को प्रतिबंधित किया, वहीं दूसरी ओर रेलवे, हाइवे सहित अन्य क्षेत्रों में चीनी कंपनियों के ठेकों को रद्द किया गया। महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों ने भी चीनी कम्पनियो के साथ हुए अनुबंधों को रॉड करने का निर्णय लिया है। कैट के अभियान का समर्थन करते हुए अनेक क्षेत्रों के व्यापारियों और उद्योगपतियों ने भी आवश्यक कदम उठाते हुए चीनी कंपनियों के साथ चल रहे व्यापार को समाप्त किया है। यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि देश अब एकजुट होकर चीन के खिलाफ आर्थिक मोर्चाबंदी करने के लिए संकल्प ले चुका है। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/विभाकर-hindusthansamachar.in

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