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चुनावी वादों को पूरा करने को ले युवाओ के रोजगार की दिशा में सरकार को उठाना चाहिए कदम:शैलेश

आरा,12 फरवरी(हि.स.)।बिहार और देश मे युवाओं के लिए रोजगार एक बड़ी समस्या बनी हुई है।स्कूल से लेकर कॉलेज और यूनिवर्सिटी तक की पढ़ाई के बाद बड़ी बड़ी डिग्रियां लेकर युवा आज भी रोजगार के लिए दर दर की ठोकरें खाने को विवश हैं।शिक्षित बेरोजगारों से आगे बढ़कर उच्च शिक्षित बेरोजगारों की संख्या भी लगातार बढ़ी है। ऐसे युवाओ की समस्या के लिए राज्य और केंद्र सरकार के पास कोई ठोस नीति या कार्यक्रम नही होने का ही फायदा उठाने की कोशिश बिहार में विपक्ष की सबसे पार्टी राष्ट्रीय जनता दल और उसके प्रमुख युवा नेता तेजस्वी यादव ने उठाने की कोशिश की। बिहार के युवाओ की संवेदना और भावनाओं को उन्होंने चुनावी अभियान का हिस्सा बनाया और चुनाव प्रचार के दौरान महती जनसभाओं में लोगो से उनकी पार्टी के उम्मीदवारों को जिताने और सरकार बनाने की अपील करते हुए शंखनाद कर दिया कि उनकी सरकार बनी तो दस लाख युवाओ को सीधे रोजगार देने की व्यवस्था करेंगे। तेजस्वी यादव के इस आह्वान के बाद बिहार के युवाओ ने उनकी पार्टी को समर्थन देने का मन बनाया की इसी बीच भाजपा की तरफ से 19 लाख लोगों को रोजगार देने का एलान कर दिया गया। युवाओ के रोजगार को चुनाव में सत्ता की सीढ़ी बनाने और युवाओं की भावना को अपनी तरफ मोड़ने को ले घोषणाओं पर घोषणाएं करने वाली पार्टियों के सत्ता में आने के बाद उसपर अमल नही किये जाने पर चिंता जताते हुए युवाओ के बीच खासा लोकप्रिय, उनके आइकन बने चर्चित समाजसेवी शैलेश कुमार राय ने बेबाकी से अपनी बातें रखी है। युवाओ के बीच शिक्षा,रोजगार, संस्कृति, रक्तदान,पर्यावरण सुरक्षा,जल एवं स्वच्छता,गंगा सफाई जैसे अभियानों का नेतृत्व कर रहे शैलेश कुमार को ऐसे ही भारत के राष्ट्रपति और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सम्मान और पुरस्कार नही मिला बल्कि इसके पीछे उनका राज्य और देश के युवाओ के प्रति त्याग और समर्पण है।उन्होंने युवाओ को नई राह दिखाकर समाज और देश को प्रगति और विकास की तरफ आगे बढ़ाने में उनकी भूमिका तय कराने की मजबूत पहल की है। राजनैतिक दलों द्वारा युवाओ को रोजगार देने के चुनाव पूर्व किये गए वादों पर अब चिंता जताते हुए शैलेश बताते हैं कि बिहार विधान सभा आम निर्वाचन 2020 की शुरुआत हुई तो युवाओ की निगाहें राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के पुत्र एवं वर्तमान के उभरते युवा नेता तेजस्वी प्रसाद यादव पर टिक गया। तेजस्वी ने चुनाव के दौरान अपनी सभाओं में एकाएक बिहार के युवाओं के लिए दस लाख नौकरी देने का ऐलान कर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। तेजस्वी के इस एलान से अधिकांश राजनैतिक पार्टियों के मुख्यालय और बड़े नेताओं के नींद उड़ गए। चुनाव के दौरान चुनावी सभाओं में तेजस्वी का एलान युवाओं के अंदर नई उम्मीद जगा रहा था और यही वजह था कि उनकी सभाओं में बड़ी संख्या में युवाओ की भीड़ जुट रही थी।युवाओ के आंखों में रोजगार के सपने पल रहे थे। चुनाव के परिणाम आये तो सत्ता के शीर्ष तक पहुंचते पहुंचते तेजस्वी रह गए लेकिन सुकून की बात यह थी कि 19 लाख रोजगार देने का वादा करने वाली भाजपा और एनडीए की सरकार बन गई। बिहार के उन युवाओ की उम्मीदों पर तो पानी जरूर फिर गया जिन्होंने दस लाख नौकरी की आश में तेजस्वी को सत्ता में लाने के लिए उन्हें वोट दिया किन्तु उन युवाओ के चेहरे पर खुशी जरूर खिल उठी जिन्होंने 19 लाख नौकरी की आश में राज्य में कमल खिलाये। सामाजिक कार्यकर्ता और युवाओ के बीच उनके आइकन बन उभरे शैलेश कहते हैं कि बिहार में भारतीय जनता पार्टी के नेतॄत्व वाली एनडीए सरकार को अपना एजेंडा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लागू करवाने के लिए आगे आना चाहिए और चुनाव के दौरान चुनावी सभाओं में किये गए रोजगार के वादों को पूरा करने की दिशा में अब कदम बढ़ाने चाहिए।बिहार सरकार का यह कदम ही सत्ताधारी दल के शीर्ष नेतृत्व के प्रति विश्वास और भरोसे को युवाओ के बीच सशक्त बना सकता है। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र-hindusthansamachar.in

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