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कोरोना संकट में मजदूरों को निर्वाह भत्ता दे सरकार: मजदूर यूनियन

बेतिया, 22 मई (हि.स.)। कोरोना संकट और लॉकडाउन के चलते रोज कमाने-खाने वाले मजदूर परिवारों में भुखमरी जैसी स्थिति बन गयी है। उक्त बातें बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन के जिला अध्यक्ष जवाहर प्रसाद ने शनिवार को कही। उन्होंने कहा कि कई बार ध्यान आकर्षित किए जाने के बावजूद पटना-दिल्ली की सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। वे लगातार उदासीन बने हुए है। निर्माण मजदूरों, रिक्सा, ठेला, जुगाड़ चालकों, ई-रिक्सा, ऑटोरिक्सा ड्राइवरों, फुटपाथी दुकानदारों, खेतिहर, ग्रामीण मजदूरों आदि अन्य असंगठित क्षेत्र के दैनिक मजदूरों को अगर जल्द ही सहायता नहीं मिली तो कोरोना से मौतों के साथ-साथ भूख से मौतों की खबरें आने लगेगी। दूसरी तरफ महंगाई - जमाखोरी की मार झेल रहे ये मजदूर भूख की आग बुझाने के लिए सूदखोरों के चंगुल में फंस रहे है, जो कोरोना काल के बाद भी इनके लिए भारी मुसीबत लेकर आएगा। सरकार इन्हें यथाशीघ्र कोरोना संकट निर्वाह भत्ता दे। मजदूर नेता जवाहर प्रसाद ने मांग करते हुए कहा कि कोरोना संकट के दौरान प्रत्येक मजदूर को प्रतिमाह 10000 रुपए निर्वाह भत्ता व प्रतिव्यक्ति 10 किलो अनाज दिया जाए। उन्होंने महंगाई - कालाबाजारी पर रोक, आधारकार्ड व रजिस्ट्रेशन के बिना 3 माह के अंदर सभी को कोविड टीका लगाने, पंचायत स्तर तक कोविड जांच व इजाज की व्यवस्था व गांव-गांव में मेडिकल टीम भेजने की मांग की। हिन्दुस्थान समाचार / अमानुल हक

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