गया आर्युवेद मेडिकल कॉलेज फर्जीवाड़ा के खिलाफ  सदर एसडीओ से  गुहार
गया आर्युवेद मेडिकल कॉलेज फर्जीवाड़ा के खिलाफ सदर एसडीओ से गुहार

गया आर्युवेद मेडिकल कॉलेज फर्जीवाड़ा के खिलाफ सदर एसडीओ से गुहार

गया, 26 जुलाई (हि.स.) ।गया के बहुचर्चित गया आर्युवेद मेडिकल कॉलेज पर एक निजी शासी निकाय के अवैध कब्जा के खिलाफ सदर एसडीओ को करीब दो दर्जन शिक्षकोंं और कर्मियों ने ज्ञापन सौंपते हुए कानूनी कार्रवाई कराने मांग की है। गया आर्युवेद मेडिकल कॉलेज बचाव समिति की ओर से सदर एसडीओ को आवेदन दिया गया है।ज्ञापन में अवैध शासी निकाय के पदाधिकारियों और सदस्यों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की गई है। आवेदन में उल्लेख है कि एक रसोई गैस एजेंसी के प्रोपराइटर, एक चिकित्सक और उनके परिजनों के नाम पर शासी निकाय गठित कर चन्द्रा हेल्थ एण्ड एजुकेशन के नाम से ट्रस्ट का डीड कराया गया है। ट्रस्ट के माध्यम से आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज के नाम पर केनरा बैंक में पहले से जमा एक करोड़ बहत्तर हजार रुपये और करीब साढ़े तीन एकड़ में फैले आर्युवेद मेडिकल कॉलेज परिसर पर अवैध कब्जा करने की साजिश रची जा रही है। भाजपा नेता महेश शर्मा ने बताया कि 06 फरवरी 2020 तक आर्युवेद मेडिकल कॉलेज के शासी निकाय के अध्यक्ष मगध प्रमंडल के आयुक्त, सचिव गया के उप विकास आयुक्त के अलावा गया नगर के विधायक सह मंत्री डा प्रेम कुमार सहित कई अन्य सदस्य थे। इस साल राज्य सरकार ने छह फरवरी को सरकार द्वारा गठित शासी निकाय को निरस्त कर कालेज को स्वयं शासी निकाय गठित करने का निर्देश दिया। भाजपा नेता महेश शर्मा के अनुसार राज्य सरकार की अधिसूचना में डा.मनीष चन्द्रा, रसोई गैस एजेंसी के संचालक सहित किसी को शासी निकाय गठित कर आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज के लिए शासी निकाय गठित करने को अधिकृत नहीं किया गया है। आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज बचाव समिति के संरक्षकों में शामिल प्रो. विजय कुमार मिठ्ठु के अनुसार सरकार के कथित आदेश के नाम पर फर्जीवाड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि आर्युवेद मेडिकल कॉलेज के नाम पर बिजली विभाग के कई लाख रुपए बकाया था। चंद्रा हेल्थ एंड एजुकेशन ट्रस्ट के नाम पर नया बिजली मीटर लगा लिया गया वह भी बगैर पूर्व की बकाया राशि का समायोजन किए हुए। जदयू के वरिष्ठ नेता सह कालेज बचाव समिति के संरक्षक डा अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि सरकारी आदेश निर्गत होने के पूर्व कालेज के प्राचार्य डा.आरडी मिश्रा सेवा निवृत्त हो गए थे। उनके खिलाफ आयुक्त स्तर पर कई आरोपों की जांच लंबित है। साथ ही एक चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी बिरजू प्रसाद और एक सहायक बिनोद कुमार पांडेय को अपने साथ मिलाकर चंद्रा हेल्थ एंड एजुकेशन के सचिव डा. मनीष चन्द्रा और नवगठित शासी निकाय के द्वारा करोड़ों की संपत्ति पर कब्जा करने की साज़िश की गई है। आर्युवेद मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों के बकाया वेतन का भुगतान नहीं हुआ है। हिंदुस्थान समाचार/ पंकज कुमार/विभाकर-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in