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प्रोटोकॉल के साथ का मनाया गया हनुमान जयंती-सह-क्रीड़ा भारती का स्थापना दिवस

बेगूसराय, 27 अप्रैल (हि.स.)। हर जन के आराध्य देव हनुमान जी की जयंती मंगलवार को श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई गई। इस मौके पर लोगों ने घर-घर में विशेष पूजा अर्चना किया। वहीं, सोशल मीडिया के माध्यम से एक-दूसरे को शुभकामना देने का भी सिलसिला चलता रहा। तमाम लोगों ने अपने परिवार की सुख-शांति-समृद्धि के साथ-साथ कोरोना वायरस से मुक्त करने की भी गुहार लगाई। केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय के सांसद गिरिराज सिंह ने भी लोगों को हनुमान जयंती की शुभकामनाएं देने के साथ ही हनुमान जी से कोरोना से देश को मुक्त कराने की प्रार्थना की है। गिरिराज सिंह ने कहा है कि 'संकट मोचन श्री हनुमान सभी के कष्टों को दूर कर आरोग्यता का आशीर्वाद दें और इस वैश्विक महामारी कोरोना से लड़ने के लिए सभी देशवासियों को शक्ति प्रदान करें, जय श्री राम।' इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तमाम अनुषंगी इकाइयों के कार्यकर्ताओं ने जहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपने-अपने घरों में विशेष पूजा अर्चना की। वहीं, क्रीड़ा भारती के तमाम कार्यकर्ताओं ने अपने स्थापना दिवस के अवसर पर हनुमान जी की विशेष पूजा-अर्चना की। मंदिरों में भगवा ध्वज भी लहराए गए तथा घरों में सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ, सुंदरकांड का पाठ एवं आरती की गई। क्रीड़ा भारती से जुड़े तमाम खेल संगठन एवं खिलाड़ियों ने भी हनुमान जयंती धूमधाम से मनाई। क्रीड़ा भारती के उत्तर बिहार प्रांतीय मंत्री अमित ठाकुर एवं जिला मंत्री रणधीर कुमार ने बताया कि 'क्रीड़ा से निर्माण चरित्र का, चरित्र से निर्माण राष्ट्र का' बोध वाक्य के साथ खेलों के माध्यम से आरोग्य संपन्न राष्ट्र निर्माण के लिए क्रीड़ा भारती की स्थापना पुणे (महाराष्ट्र) में 1992 में की गई थी। क्रीड़ा भारती का मुख्य उद्देश्य देश के अन्य स्थापित खेलों के साथ स्वदेशी खेलों एवं ग्रामीण क्षेत्रोंके परम्परागत खेलों को बढ़ावा देना है, ताकि समाज के सभी वर्ग मैदान पर आकर खेलें तथा खेलों के माध्यम से स्वस्थ शरीर, तीक्ष्ण बुद्धि, मानसिक एवं संस्कार प्राप्त कर खिलाडी में राष्ट्रीय चरित्र की भावना का निर्माण हो। किसी एक खेल का विचार नहीं रखते हुए सभी खेलों का विचार करने वाले संघटनों का रूप क्रीड़ा भारती, आदर्श क्रीड़ा संस्कृती, शुद्ध चरित्र और देश भक्ति की ओर ध्यान बढ़ने के लिए विविध उपक्रम किये हैं। सभी जगह पंचसूत्री के आधार पर कार्यक्रम होते है। हनुमान जी के जन्म दिन के अवसर पर क्रीड़ा भारती का कार्य प्रारंभ हुआ था। क्रीड़ा भारती दिवस के उपलक्ष्य में विविध कार्यक्रम, संपर्क आदि अभियान किया जाता है, लेकिन कोरोना के कहर को लेकर जारी प्रोटोकॉल के कारण कोई सामूहिक कार्यक्रम नहीं कर घर-घर में जयंती मनाई गई। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/चंदा

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