despite-the-ban-gutkha-pan-masala-sales-increased-during-the-corona-period-and-black-marketing-is-taking-place
despite-the-ban-gutkha-pan-masala-sales-increased-during-the-corona-period-and-black-marketing-is-taking-place

प्रतिबंध के बावजूद गुटखा, पान मसाला की कोरोना काल में बढ़ी बिक्री और हो रही खुलेआम कालाबाजारी

बगहा,24अप्रैल(हि.स.)। बगहा अनुमंडल अंतर्गत विभिन्न प्रखंडो समेत नगर परिषद क्षेत्रो में गुटखा के थोक विक्रेताओ की कोरोना महामारी मे खुब चांदी कट रही है। विभिन्न चौक चौराहों समेत हाट बाजारों में पान एवं गुटका व्यवसायियों द्वारा सरेआम कालाबाजारी की जा रही है। कोरोना वायरस के दूसरे दौर में आक्रामक रूप अख्तियार करने से चारों ओर त्राहिमाम की स्थिति बनी हुई हैं, तो वही पान मसाला, गुटखा के थोक विक्रेताओं के लिए यह आपात स्थिति वरदान साबित हो रही है। बिक्री पर सरकारी स्तर से रोक के बावजूद भी विभिन्न पान मसाला व गुटखा की खुलेआम बिक्री की जा रही है। वहीं कथित थोक व्यवसायी इसकी कालाबाजारी से बाज नहीं आ रहें हैं। मालूम हो कि कोरोना गाइडलाइन के तहत शाम छह बजे तक सभी दुकानों को बंद करने का लाभ उठाकर इसके थोक विक्रेता पान-मसाला, गुटखा की कालाबाजारी शुरू कर दी है। लिहाजा पांच रुपये में मिलने वाला पान-मसाला, गुटखा जहां अब सात रुपये बेची जा रही है। रजनीगंधा 25 के बावजूद 30 रुपया मे बेच रहें हैं। पान व गुटखा की व्यवसायियों एवं दुकानदारों द्वारा सरेआम आमजन का जेब काट रहें हैं। बावजूद भी प्रशासन मुकदर्शक बन बैठी है। जिससे थोक विक्रेताओ की खुब चांदी कट रही है। गुटखा के शौकीन लोगों की जेब कट रही है। हालांकि उतर प्रदेश से थोक विक्रेता बस या चार चक्का से धड़ल्ले से गुटखा लाकर दोगुनी किमत में बेच रहें हैं। गुटखा के थोक विक्रेताओ की कोरोना की आपातकालीन परिस्थिति बरदान साबित होने लगा है। हिन्दुस्थान समाचार /अरविंद

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in