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उठी राष्ट्रकवि दिनकर जी के घर को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग

बेगूसराय, 17 मार्च (हि.स )। राज्यसभा सदस्य प्रो. राकेश सिन्हा ने राज्यसभा में बुधवार को शून्यकाल के दौरान राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के जन्मस्थान सिमरिया (बेगूसराय) को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग संस्कृति मंत्रालय से की है। उन्होंने राज्यसभा में कहा कि श्रेष्ठ साहित्यकार अपनी कालजयी रचनाओं से समाज को प्रगतिशील बनाते हैं। वर्तमान ही नहीं पीढ़ियों को प्रभावित और प्रेरित करते हैं। चाहे ब्रिटेन के शेक्सपियर हों या रूस के एलेक्जेंडर बुशिकन लैटिन, अमेरिका के ग्रेवियल या फ्रांस के पॉल इल्यार, भारत के रामधारी सिंह दिनकर। ये सभी अपने प्रभावी रचनाओं के कारण काल और भूगोल के सीमाओं को लांघ गए हैं। दिनकर की रचनाओं में व्यापक मानवीय मूल्यों को संबोधित किया गया है। उनकी लेखनी में ना केवल साहित्य को समाहित किया गया है, बल्कि समाजिक चेतना और सार्वभौमिक नैतिकता के भाव को जागृत करने का कार्य किया है। उनकी कृतियां रश्मिरथी, परशुराम की प्रतीक्षा, उर्वशी और संस्कृति के चार अध्याय राष्ट्रीय साहित्य के साथ-साथ विश्व साहित्य का हिस्सा है। उनका व्यक्तित्व समानता, समरसता और जनपक्षधरता का प्रतीक रहा है। मनोनीत राज्यसभा सदस्य के रूप में दिनकर जी के विचार इसे पुष्ट करता है। ऐसे महान व्यक्तित्व के स्मृतियों को सहेज कर रखना सरकार और समाज दोनों का स्वाभाविक दायित्व होता है। उनका जन्म बिहार के बेगूसराय जिले के सिमरिया गांव में हुआ था, सैकड़ों लोग उनके जन्मस्थान को देखने पहुंचते हैं। उनके घर और उनसे जुड़ी चीज को परिवार और गांव के लोग संभालकर कर रखे हैं। इसलिये संस्कृति मंत्रालय से अनुरोध है और अपेक्षा है कि उनके घर को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाय। राष्ट्रकवि दिनकर का सम्मान साहित्य, साहित्यकार और समाज तीनों के प्रति सम्मान ही नहीं पीढ़ियों को उत्साहवर्धन करनेवाला होगा। यह साहित्य, कला, संस्कृति के प्रति सरोकार और संवेदनशीलता का भी परिचायक होगा। राज्यसभा में इस मामले को उठाने से बेगूसराय में साहित्यकारों और आमजनमानस में खुशी है। महिला कॉलेज की पूर्व प्राचार्य स्वप्ना चौधरी, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांत समरसता प्रमुख अमरेन्द्र प्रसाद सिंह, भजापा जिलाध्यक्ष राजकिशोर सिंह आदि ने बताया कि दिनकर जी के घर को राष्ट्रीय धरोहर घोषित होने से वहां आने वाले देश-विदेश के साहित्यकार को उनसे जुड़ी चीज को देखने और अध्ययन करने का मौका मिलेगा। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/चंदा

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