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उपभोक्ता वस्तुओं की बढती कीमत पर अंकुश लगाने की मांग

मधुबनी, 11 मई (हि.स.)।जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण चौपाल में कोविड संक्रमण बचाव रोकथाम के साथ ही उपभोक्ता वस्तुओं की कीमत में बेतहासा वृद्धि की चर्चा आम हो गई है।मंगलवार को व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ताओं ने बाजार में बढ रही मंहगाई पर चिंता व्यक्त किया है। वरिष्ठ अधिवक्ता व कांग्रेस कमिटी विधि प्रकोष्ठ अध्यक्ष ऋषिदेव सिंह ने जिला प्रशासन से व्यापारी वर्ग पर उपभोक्ता सामान की मूल्य पर अंकुश लगाने की मांग दोहराई है। कांग्रेस समर्थित अधिवक्ताओं कालिका प्रसाद सिंह,राकेश कुमार सिंह,अजय कुमार सिंह,प्रभाकर सिंह,अमित कुमार सिंह,मो सुहैल नैय्यर ,खुर्शीद आलम,ललित नारायण यादव,कृष्णनंदन मिश्र,शिव कुमार झा आदि ने जीवन रक्षक दवाओं के अनुपलब्धतता के साथ ही बढ़ी कीमतों ,खाद्य पदार्थों व तेल की ऊंची कीमतों पर चिंता जतायी है। अधिवक्ताओं ने कहा कि वर्तमान में शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में कालाबाजारी का धंधा बढ़ गया है। जिला प्रशासन को व्यापारी वर्ग पर अंकुश व मंहगाई पर रोकथाम तथा विराम लगाने की आवश्यकता है।महामारी के समय लोग लाकडाउन का अनुपालन कर रहे हैं। व्यापारी वर्ग कुछ भी सरकारी नियमों का अनुपालन नही कर रहे है।मुख्यमंत्री महोदय से अपील है कि वे शीघ्र दवाओं एवं बढ़ी कीमतों पर लगाम लगाकर आम जनता को इस त्रासदी के घड़ी मे राहत पहुंचा कर यश के भागी बनेंगे। इधर जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ता वस्तुओं पर मूल्य नियंत्रण प्रतिबंध को भाजपा विधान पार्षद घनश्याम ठाकुर ने मंगलवार को जिलाधिकारी को पत्र लिखा है।भाजपा एमएलसी ने उपभोक्ता सामग्री के मूल्य पर नियंत्रण की मांग पत्र की प्रति राज्य सरकार को भी प्रेषित किया है। भाजपा विधान पार्षद ठाकुर ने आवेदन में बताया कि राष्ट्रव्यापी कोविड संक्रमण काल में आमजन आर्थिक परेशानी व आन्तरिक व्यथा से मर्माहत हैं। कोविड- 19 अपना उग्र रूप धारण कर लिया है।कोविड बीमारी पर नियंत्रण व रोकथाम के लिए सरकार द्वारा लॉकडाउन लगाए गए हैं। लेकिन जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक में व्यापारी वर्गों का अभी पौवारह है। भाजपा विधान पार्षद सदस्य गोपाल जी ठाकुर ने पत्र में स्पष्ट किया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आम जनों को उपभोक्ता वस्तुओं की उपलब्धता उचित मूल्य पर प्राप्त हो। इसके लिए जिला प्रशासन को तत्परता से ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने डीएम से आग्रह किया है कि पंचायत स्तर पर प्रतिनियुक्ति सेवकों को इसके लिए अधीनस्थ किया जाए। प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी द्वारा मूल्य निर्धारण की तालिका दुकानों पर लगवाई जाए। यहां पर दाल चावल आलू प्याज चीनी चाय पत्ती सहित दवाओं की मूल्य पर कोई नियंत्रण नहीं है। व्यापारी वर्ग मालमाल हो रहे हैं ।जबकि आमजन परेशान होकर अपनी आर्थिक तंगी से यहां जूझ रहे हैं। गरीब परिवार उंचे दर पर ब्याज पर रुपए लेकर परिवार चलाने को विवश हैं। ग्रास रूट पर मजदूर सहित मध्यमवर्गीय परिवार वर्तमान में परेशान हैं। हिन्दुस्थान समाचार/लम्बोदर

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