सीटी स्कैन के साइड-इफेक्ट से बचाएगा कोविड डिडक्शन सॉफ्टवेयर
पटना/भागलपुर, 05 मई (हि.स.)। बिहार के भागलपुर स्थित ट्रिपल आईटी द्वारा बनाए गए कोविड डिडक्शन सॉफ्टवेयर सीटी स्कैन के साइड इफेक्ट से बचाएगा। ट्रीपल आईटी के निदेशक प्रो. अरविंद चौबे ने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में बताया कि कोविड डिडक्शन सॉफ्टवेयर 95 प्रतिशत तक सही रिपोर्ट देती है। इसलिए किसी भी तरह का सवाल ही नहीं उठना चाहिए कि यह सॉफ्टवेयर कितना कारगर होगा। उन्होंने बताया कि आईसीएमआर की सलाह पर ही पूर्व में पटना एम्स और दिल्ली राममनोहर लोहिया अस्पताल के कोविड संक्रमित मरीजों की रिपोर्ट पर जांच की गई थी। रिपोर्ट 95 प्रतिशत तक सहीं पाया गया। वहीं, आरटीपीसीआर की रिपोर्ट 65 प्रतिशत ही सही है। फिर भी उसे पूरे देश में लागू किया गया है। बीते साल कोरोना वेब के समय अप्रैल माह में इस सॉफ्टवेयर को ट्रिपल आईटी के निदेशक प्रो. अरविंद चौबे की देखरेख में सहायक प्राध्यापक डॉ. संदीप राज ने तैयार किया था। अक्टूबर में एम्स में जांच भी हुई थी मगर अब तक अनुमति नहीं मिल पायी है। उल्लेखनीय है कि बीते दिन दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि एक सीटी स्कैन से 300 एक्सरे प्लेट के बराबर रेडिएशन होता है। बार-बार सीटी स्कैन करने से कैंसर तक के खतरे सामने आ सकते हैं। इसलिए सीटी स्कैन बार-बार करने से बचें। जरूर पड़ने पर ही डाक्टरों की सलाह पर ही सीटी स्कैन कराया जाए। हिन्दुस्थान समाचार/गोविन्द/चंद्र