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जल जीवन हरियाली दिवस पर एक सौ तालाबों का निर्माण शुरू, होगा पौधारोपण

-जल संरक्षण को मिलेगा बढ़ावा -बाढ़ व सूखाग्रस्त इलाकों में कृषि प्रबंधन की दिशा में महत्वपूर्ण पहल छपरा, 02 फरवरी (हि.स.)।जल जीवन हरियाली दिवस पर जिले के बाढ़ तथा सूखाग्रस्त इलाकों में कृषि प्रबंधन के लिए प्रशासन की ओर से महत्वपूर्ण पहल की शुरूआत मंगलवार को की गई। जल जीवन हरियाली योजना के तहत जिले में एक सौ तालाबों का निर्माण शुरू कर दिया गया है, जिसे वर्तमान वित्तीय वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही 60 और तालाब बनाए जाएंगे। जिले में कुल 160 तालाब जल जीवन हरियाली योजना के तहत बनाए जाने का लक्ष्य है, जिसके तहत प्राप्त आवेदनों में से एक सौ आवेदकों के आवेदन सही पाए गए और उन्हें तालाब निर्माण के लिए स्वीकृति आदेश कृषि विभाग की ओर से दे दी गई है। किसानों ने जिला कृषि पदाधिकारी (डीएओ) डॉक्टर केके.वर्मा ने बताया कि सभी प्रखंडों के प्रखंड कृषि पदाधिकारी तथा कृषि समन्वयक को इसके लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं । किसानों के द्वारा तालाब निर्माण की मॉनिटरिंग तथा प्रगति की रिपोर्ट नियमित रूप से उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। साथ ही प्रत्येक कृषि समन्वयक और किसान सलाहकार को प्रत्येक पंचायत से एक-एक योग्य किसान से आवेदन कराने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में जिले में 160 तालाब बनाए जाने का लक्ष्य है, जिसके विरूद्ध वर्तमान समय में एक सौ तालाब का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि तालाब का निर्माण बाढ़ ग्रस्त तथा सूखाग्रस्त इलाकों में वर्षा आधारित जल संचयन तथा कृषि कार्यों में उपयोग के लिए किया जा रहा है। निजी तालाबों में वर्षा आधारित जल के संचयन से कृषि प्रबंधन को बेहतर बनाया जा सकेगा। कृषि वानिकी तथा फसलों का उत्पादन लक्ष्य के अनुरूप समय जिले में सुनिश्चित हो सकेगा। उन्होंने बताया कि जल जीवन हरियाली योजना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट है।तालाब के निर्माण के बाद उसके मेढ़ पर बागवानी भी कराई जाएगी । उन्होंने कहा कि निजी तालाबों के निर्माण से ना केवल जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि जल स्तर को मेंटेन किया जा सकेगा और खेतों में नमी बरकरार रहेगी। बारिश नहीं होने अथवा अत्यधिक बारिश होने या बाढ़ आने की स्थिति में भी खेत की फसल हो को बचाया जा सकेगा तथा लक्ष्य के अनुरूप समयानुसार उत्पादन किसान हासिल कर सकेंगे। वैसे इलाकों में भी किसान दो फसल का उत्पादन कर सकेंगे, जो सूखा ग्रस्त इलाका है। हिन्दुस्थान समाचार/गुड्डू-hindusthansamachar.in

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