हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे चिराग पासवान, NDA में सीट बंटवारे के बाद लगी मुहर; क्या सामने होंगे पशुपति पारस?

Lok Sabha Election: लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के चीफ और जमुई से सांसद चिराग पासवान ने ऐलान कर दिया है कि वो अपने पिता की परंपरागत हाजीपुर सीट से ही चुनाव लड़ने जा रहे हैं।
Chirag Paswan
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नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में राजनीतिक हलचाल तेज होती नजार आ रहीं है। NDA में सीट बंटवारे के बाद आज चिराग पसवान ने बड़ा ऐलान कर दिया है। लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के चीफ और जमुई से सांसद चिराग पासवान ने ऐलान कर दिया है कि वो अपने पिता की परंपरागत हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं।

मीडिया से खास बातचीत में पासवान ने कहा कि आने वाले दिनों में हमारा लक्ष्य 400 पार का है। इसके लिए एनडीए में हमें पांच सीटें दी गई हैं। जिसपे प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा चल रही है, कुछ नामों का सुझाव बिहार संसदीय बोर्ड द्वारा आया है उस पर भी चर्चा हुई है। इसके साथ हाजीपुर सीट से NDA के प्रत्याशी के रूप में मैं खुद चुनाव लड़ूंगा।

हाजीपुर सीट पर दावा ठोक सकते है चाचा भतीजा

गौरतलब है कि चिराग के इस फैसले से पहले उनके चाचा पशुपति पारस ने प्रेस कांफ्रेंस कर इस सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था। इस दौरान पशुपति पारस ने बिहार में लोकसभा सीट शेयरिंग को लेकर NDA पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहें थे। लेकिन NDA ने लोकसभा सीट शेयरिंग के में पशुपति पारस की पार्टी को एक भी सीट नहीं दी। और चिराग पासवान को 5 सीटें दे दी गई हैं। इससे नाराज पशुपति पारस ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्‍तीफा भी दे दिया है। अब इसके बाद अटकलें यह भी है कि पशुपति पारस महागठबंधन में भी शामिल हो सकते हैं। और हाजीपुर सीट पर अपना दावा ठोक सकते है। अब महागठबंधन के ऊपर निर्भर होगा कि वह हाजीपुर सीट पशुपति पारस को देता है कि नहीं।

NDA में सीट बंटवारे के बाद से नाराज थे पशुपति

बता दें कि हाजीपुर सीट से मौजूदा सांसद चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस हैं। पशुपति पासवान केंद्रीय मंत्री भी थे। NDA में सीट बंटवारे के बाद से पशुपति नाराज थे। उन्होंने मंगलवार को मोदी मंत्रिमंडल से अलग होने का फैसला लिया। पशुपति हाजीपुर से चुनाव लड़ने की जुगत में थे। लेकिन वह सीट उनके खाते में नहीं आई। इसके साथ बिहार में सीट बंटवारे में उन्हें चुनाव के लिए एक भी सीट नहीं मिली। अब देखना होगा कि पशुपति पारस का अगला कदम क्या होता है।

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