नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। बिहार में गंगा पर एक निर्माणाधीन पुल का 200 मीटर का हिस्सा रविवार को उसी पुल से जुड़ी एक और घटना के एक साल बाद गिर गया। पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, बिहार सरकार ने कहा कि ढहे हुए हिस्से को जानबूझकर नीचे खींचा गया क्योंकि विशेषज्ञों ने संरचना में डिजाइन की खामियों को चिह्नित किया था। खगड़िया जिले के अगुआनी को भागलपुर के सुल्तानगंज से जोड़ने वाले 3.1 किलोमीटर लंबे पुल का निर्माण 2014 में शुरू हुआ था और इसके 2019 में पूरा होने की उम्मीद थी। इस पुल की तब से समय सीमा को चार बार बढ़ाया जा चुका है।
पुल के निर्माण की लागत 1,710 करोड़
पुल का निर्माण एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 1,710 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और सड़क निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसके बाद ढह गए पुल की तस्वीरें सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा की गईं।
पहले भी हुई यह घटना
बता दें कि पिछले साल 30 अप्रैल को इस पुल का एक हिस्सा ढह गया था। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि हमने एक अध्ययन करने के लिए आईआईटी-रुड़की से संपर्क किया था। अमृत ने कहा है कि यह तय किया गया था कि हमें कोई मौका नहीं लेना चाहिए और अंतिम रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए। इसलिए हम पुल के कुछ हिस्सों को नीचे खींचते हुए आगे बढ़े। यह इस तरह के निवारक अभ्यास का एक हिस्सा था।
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