जयंती पर श्रद्धापूर्वक याद किए गए भारत रत्न बाबा साहब भीमराव अंबेडकर

भारतीय संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर को उनकी जयंती पर कृतज्ञ देशवासियों ने शुक्रवार को श्रद्धापूर्वक याद किया। इस अवसर पर जिला भर में विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए।
जयंती पर श्रद्धापूर्वक याद किए गए भारत रत्न बाबा साहब भीमराव अंबेडकर

बेगूसराय, एजेंसी । भारतीय संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर को उनकी जयंती पर कृतज्ञ देशवासियों ने शुक्रवार को श्रद्धापूर्वक याद किया। इस अवसर पर जिला भर में विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। हालांकि सभी सरकारी कार्यालयों में छुट्टी रहने के बावजूद बिहार सरकार के प्राथमिक और मध्य विद्यालय खुले रहे।

अंबेडकर जयंती को लेकर जिला प्रशासन द्वारा मुख्य कार्यक्रम कचहरी रोड स्थित अंबेडकर चौक पर आयोजित किया गया। जहां कि डीएम रोशन कुशवाहा एवं एसपी योगेन्द्र कुमार ने प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें सादर नमन किया। इस अवसर पर सदर एसडीओ, डीआरडीए निदेशक, राजस्व शाखा के प्रभारी पदाधिकारी, सांसद प्रतिनिधि अमरेन्द्र कुमार अमर, भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव वर्मा एवं जदयू जिलाध्यक्ष रुदल राय सहित अन्य ने भी पुष्पांजलि अर्पित किया।

एसबीएसएस (कॉपरेटिव कॉलेज) कॉलेज में भी कार्यक्रम आयोजित कर डॉ. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धापूर्वक याद किया गया। इस अवसर पर प्रधानाचार्य डॉ. अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि अंबेडकर ने भारत में समानता और बंधुत्व के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। अगले वर्ष से अंबेडकर जयंती को वृहत रूप में आयोजित किया जाएगा। राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. अमित गुंजन ने कहा कि अंबेडकर ने दलितों के उत्थान के लिए अभूतपूर्व कार्य किया है। उन्होंने कहा था शिक्षा शेरनी का वह दूध है जो पिएगा दहाड़ेगा।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए हिंदी विभागाध्यक्ष एवं एनसीसी अधिकारी डॉ. नीलेश कुमार ने कहा कि अंबेडकर और गांधी के डिबेट में अछूतोद्धार की अवधारणा को समझा जा सकता है। अंबेडकर ने इस देश को नई दिशा दी। अंग्रेजी विभाग के प्रध्यापक डॉ. आशुतोष भारती ने कहा कि अंबेडकर दलित परिवार से उठकर पूरी दुनियां में छा गए। संविधान किसी भी राष्ट्र का गौरव होता है, उस गौरव के निर्माण में अंबेडकर की महत्वपूर्ण भूमिका थी। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए डॉ. अरमान आनंद ने कहा कि अंबेडकर एक विचारधारा हैं। दुनिया में जो मार्क्सवाद है, भारत में उसे आप अंबेडकर वाद के रूप में देख सकते हैं। अंबेडकर को जयंती मनाकर नहीं, अंबेडकर होकर ही जाना जा सकता है। इस दौरान एनएसएस अधिकारी डॉ. विवेक कुमार सिन्हा के नेतृत्व में स्वयंसेवकों द्वारा महाविद्यालय परिसर में सफाई अभियान भी चलाया गया।

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