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जयंती पर याद किए गए क्रांतिकारी जनकवि बाबा नागार्जुन

बेगूसराय, 12 जून (हि.स.)। हिंदी एवं मैथिली साहित्य के आधुनिक काल में प्रगतिशील धारा के प्रमुख रचनाकार बाबा नागार्जुन को शनिवार को श्रद्धा पूर्वक याद किया गया। 110 वीं जयंती के अवसर पर बेगूसराय के शहीद सुखदेव सिंह समन्वय समिति द्वारा सर्वोदय नगर स्थित सुखदेव सभागार में आयोजित कार्यक्रम मेंं बाबा नागार्जुन की पुत्री मंजू देवी एवं संगीतकार बबलू आनंद को सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए शिक्षक नेता अमरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि बाबा नागार्जुन के काव्य एवं कथा साहित्य में समान रूप से योगदान रहा है। उदारवादी व्यक्तित्व, राष्ट्रवादी रचना और सामाजिक संघर्ष चिंता के कारण उन्हें आधुनिक कबीर का भी सम्मान प्राप्त हुआ है। पूर्व मेयर आलोक कुमार अग्रवाल ने कहा कि कबीर का सम्मान पाने वाला बाबा नागार्जुन स्वाधीन भारत के प्रतिनिधि जनक जनकवि के रूप में पहचाने जाते हैं। मैथिली साहित्य में हुए यात्री जी नाम से लिखते थे। उनकी रचनाओं में मिथिला का गांव-घर रक्त वाहिनी शेरों की तरह फैला हुआ है। फिल्म अभिनेता अमिय कश्यप एवं बबलू आनंद ने कहा कि बाबा नागार्जुन रूढ़िवादी विचारधारा के घोर विरोधी थे। उन्होंने अपनी सपाट काव्य रचनाओं के माध्यम से तत्कालीन भारतीय समाज का चित्र खींचा है। वह कबीर की तरह ही अपनी रचनाओं में व्यंग भरा करते थे। साहित्यकार डॉ. चंद्रशेखर चौरसिया ने कहा कि बाबा नागार्जुन भूमि प्रतिमा के धनी साहित्यकार थे। वह जनमानस कवि और विचार से मार्क्सवादी थे। ई. आलोक कुमार ने कहा कि नागार्जुन बिहार की धरती से जुड़े स्वतंत्रत सेनानी थे। अपनी कविताओं के माध्यम से बिहार की जनता को प्रेरणा देते रहे। इससे पूर्व उपस्थित तमाम लोगोंं ने बाबा नागार्जुन के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। इस दौरान समिति द्वारा बाबा नागार्जुन की पुत्री और बेगूसराय केे वरिष्ठ पत्रकार अग्नि शेखर की पत्नी मंजू देवी और लोक गायक और कलाकार बबलू आनंद को सम्मानित किया गया। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/चंदा

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