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आंगनवाड़ी केंद्रों में मनाया गया अन्नप्राशन दिवस

बेगूसराय, 19 मार्च (हि.स.)। बच्चों को बेहतर पोषण देने के उद्देश्य से शुक्रवार को जिले के आंगनवाड़ी केंद्रों में समारोहपूर्वक अन्नप्राशन दिवस मनाया गया। इसमें छह माह से ऊपर के बच्चों को प्रथम बार अनुपूरक आहार का सेवन कराया गया। नीति आयोग के आकांक्षी जिला बेगूसराय में पोषण मुक्ति अभियान समेत अन्य स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर काम कर रहे पिरामल फाउंडेशन की स्वास्थ्य इकाई के सहयोग से आंगनबाड़ी पोषक क्षेत्र के शिशुओं को उत्सव की तरह खीर खिलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस दौरान धात्री माताओं को पूरक पोषाहार एवं साफ-सफाई के संबंध में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई। साथ ही सभी गर्भवती महिलाओं को पोषण की जानकारी भी दी गई। गर्भावस्था के दौरान खान-पान और सतर्कता के संबंध में भी विस्तार से बताया गया। पिरामल के दीपक मिश्रा ने बताया कि करोना काल को देखते हुए बाल विकास सेवा परियोजना के आंगनबाड़ी सेविका के जरिए लाभार्थी के घर-घर जाकर हाल में छह महीना पूरे किये बच्चों का अन्नप्राशन कराया गया। इस दौरान पोषक तत्व को प्रदर्शित करते हुए आकर्षक रंगोली भी बनाई गई। उन्होंने बताया कि छह माह के बाद बच्चों को ऊपरी आहार आवश्यक रूप से प्रारंभ किया जाना चाहिये। छह माह से नौ माह तक के शिशु को दिनभर में दो सौ ग्राम सुपाच्य मसला हुआ खाना, नौ से 12 माह में तीन सौ ग्राम मसला हुआ ठोस खाना और 12 से 24 माह तक पांच सौ ग्राम तक खाना खिलाना चाहिए। इसके अलावा अभिभावकों को बच्चों के दैनिक आहार में हरी पत्तीदार सब्जी और पीले नारंगी फल को शामिल करना चाहिये। दीपक मिश्र ने बताया कि सरकार के जरिए समय-समय पर विभिन्न अनुपूरक खुराक दिया जाता है। इस बार 16 से 31 मार्च तक चल रहे पोषण पखवाड़ा के तहत आइसीडीएस, जीविका एवं विद्यालय के सहयोग से कार्यक्रम आयोजित कर पोषण वटिका पोषण लगा के विभिन्न खाद समूह को स्थानी स्तर प्राप्त कर पोषण के मामले आत्मनिर्भर होने के लिये प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही पोषण और औषधिय वानिकी के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/ सुरेन्द्र/चंद्र

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