all-india-kayastha-mahasabha-is-maintaining-mass-service-for-public-service-rajiv-ranjan-sinha
all-india-kayastha-mahasabha-is-maintaining-mass-service-for-public-service-rajiv-ranjan-sinha

अखिल भारतीय कायस्थ महासभा जनसेवा का कायम कर रहा मिशाल:राजीव रंजन सिन्हा

आरा,27 मई(हि.स.)। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा की भोजपुर जिला इकाई की एक वर्चुवल मीटिंग पूर्व प्राचार्य प्रो. सच्चिदानंद सहाय की अध्यक्षता में आयोजित की गई।बैठक में पारिवारिक जागृति बनाने, संगठित होकर सहयोग पहुंचाने के उद्देश्य से अखिल भारतीय कायस्थ महासभा भोजपुर द्वारा कई निर्णय लिए गए। ऑनलाइन सम्पन्न हुई वर्चुअल मीटिंग में अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के प्रांतीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिन्हा, वरीय चिकित्सक पीएमसीएच और ईएनटी हेड डॉ. विनीत कुमार सिन्हा उपस्थित रहे। कायस्थ परिवार के आराध्य देव भगवान श्री चित्रगुप्त जी की वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। वर्चुवल बैठक का संचालन करते हुए संयोजक डॉ.दिनेश प्रसाद सिन्हा ने कहा कि कोरोना वायरस का विभत्स रूप से हम ही नहीं ग्लोबल स्तर पर सब लोग त्रस्त हैं। आत्म सुरक्षा की हिदायत दी जा रही है लेकिन फिलहाल सामाजिक स्तर पर संपर्क स्थापित रखने और समाज के पीड़ित लोगों को लाभ पहुंचाना हमारा प्रमुख लक्ष्य है। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के जिलाध्यक्ष प्रो सच्चिदानन्द सहाय ने उपस्थित सभी सदस्यों का स्वागत और हृदय से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी टीम कोरोना काल मे जरूरतमंद लोगों को खाने का सामान, दवा और आर्थिक सहयोग लगातार महामंत्री दिलीप कुमार सिन्हा के नेतृत्व में किया जा रहा है और व्हाट्सअप पर भी सूचना जारी की गई है। अपने अपने स्तर से भी महासभा के सहयोगी संपर्क कर सहयोग प्रदान कर रहे हैं। नेत्र सर्जन डॉक्टर दीपक कुमार ने कोरोना काल में सबको बचने की सलाह देते हुए कहा कि पहली लहर से दूसरा लहर काफी खतरनाक है,जो इलाज के मौका ही नहीं दे रहा है।दूसरे लहर में कोरोना बहुरूपिया की तरह अपना रंग बदल कर हवा, धूलकण, वातावरण में हर जगह मौजूद है। इसलिए मास्क पहनना,बार बार हाथ धोना, कपड़ा बदलना ,अब दो नही चार मीटर की दूरी रखना, वैक्सीन के दोनों डोज को कवच, कुंडल के रूप में लेना ,हाथ ना मिलाना अतिथि को देव समझने की भूल नहीं करना है। छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर कोरोना से बचा जा सकता है। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in