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सोनपुर मेले के बाद दूसरे पशु मेले के लगने से गुलजार है बक्सर की रौनक

बक्सर, 16 मार्च (हि.स.)।हरिहर क्षेत्र के सोनपुर मेले के बाद पूरे बिहार में अपनी पहचान रखनेवाले बक्सर जिले के ब्रह्मपुर प्रखंड में लगे पशु मेले से जिले की रौनक गुलजार है।सौ एकड़ के दायरे में लगने वाले इस पशु मेले का इतिहास मुग़ल साहित्य में भी मौजूद है। इस मेले में बिहार के दूर-दराज इलाके से भी पशु प्रेमी अपने अपने पसंदीदा पशुओं की खरीददारी करने यहां पहुचते हैं। ब्रह्मपुर पशु मेले की विशेष पहचान यहां बिकने वाले घोड़े होते हैं। घोड़े के शौक़ीन लोगों की बात करें तो वर्ष 2017-18 में लगे इस मेले से राजद प्रमुख के बेटे तेज प्रताप द्वारा मारवाह के रोकड़ नस्ल के घोड़े की खरीद उंची कीमतों पर की गई थी। छोटे सरकार के उपनाम से चर्चित अनंत सिंह के लोगों द्वारा हर वर्ष मेले से घोड़े की खरीद की जाती है। सीमावर्ती यूपी के देवरिया गोरखपुर, आजमगढ़, मऊ समेत मध्यप्रदेश व देश के अन्य हिस्सों से घोड़े के शौक़ीन लोग घोड़े की खरीद के लिए यहां आते ही हैं, जिनमें राजनीतिक रसूकदार समेत बाहुबली व दबंग किस्म के लोगों का नाम शामिल होता है। इस मेले की ऐतिहासिक प्रमाणिकता की बात करें तो अफगानों और मुगलों के बीच बक्सर के प्रथम युद्ध के बाद मुग़ल योद्धाओं से जब्त घोड़े को पहली बार ब्रह्मपुर प्रखंड स्थित शिवालय के समीप घोड़़े के मेले की शक्ल देकर बेचा गया था। कालान्तर में यह मेला अपना विस्तार लेते हुए हरिहर क्षेत्र के सोनपुर मेले की शक्ल में परिवर्तित हो गया।अब इस मेले में देश से जुड़े पशु व्यवपारी उन्नत नस्ल की गाय, कुत्ते ,बैल व विभिन्न जानवरों को खरीदने और बेचने के लिए यहां आते हैं पर मुख्य आकर्षण घोड़े ही होते हैं। फाल्गुन महाशिवरात्रि से एक पखवारे तक चलने वाले इस मेले में बिकनेवाले पशुओं से जिले को काफी राजस्व की प्राप्ति भी होती है। गत वर्ष कोरोना महामारी को लेकर इस मेले पर परोक्ष असर पड़ा था पर इस बार स्थिति सामान्य हुई है। मेले के संचालकों द्वारा बताया गया है कि मेला लगने से आज तक साठ घोड़े एक सौ से भी अधिक कुत्ते, डेढ़़ सौ गायों को बेचना सम्भवतः हो चुका है। मेले में आये व्यापारियों समेत ग्राहकों की सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन द्वारा संपूर्ण मेले के चप्पे-चप्पे पर कड़ी निगरानी की व्यवस्था है। साथ ही संक्रमित जानवरों को बचाने और लोगों को जानवरों के संक्रमण से बचाने के लिए हर वक्त जिले का पशुपालन विभाग तत्पर रहता है। हैदराबाद से अपने ट्रेनर के साथ आया नीलम घोड़ा मेले का मुख्य आकर्षण बना है। हिन्दुस्थान समाचार /अजय मिश्रा/हिमांशु शेखर

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