
बेगूसराय, एजेंसी। श्रीराम जन्म भूमि न्यास समिति के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने कहा है कि अयोध्या में बन रहे भव्य और दिव्य श्रीराम जन्म मंदिर की तरह बिहार के सीतामढ़ी माता जानकी के प्राकट्य स्थल पर भव्य और दिव्य मंदिर बनेगा। जिसमें सभी 51 शक्तिपीठों की ज्योति जलाई जाएगी। बेगूसराय के बीहट जलेलपुर स्थित मां शीतला मंदिर के सांस्कृतिक समारोह का शुभारंभ करने आए कामेश्वर चौपाल ने कहा कि नवरात्र में माता के विभिन्न रूप की आराधना करते हैं। उसी शक्ति का एक अंग माता शीतला भी हैं और सभी माताओं की महाशक्ति माता सीता हैं। सीता की जन्म स्थली मिथिला का पूरा क्षेत्र ही धाम है।
श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर बना रहे हैं, लेकिन सीता की धरती पर सीता मंदिर नहीं बना
उन्होंने कहा कि राम के काम से नेपाल गए तो वहां से प्रभु श्रीराम और माता जानकी की प्रतिमा बनाने के लिए दो शिला लेकर चले। मिथिला क्षेत्र से गुजरते समय लोगों ने कहा कि त्रेता युग में मां सीता धरती से आकर धरती में समा गई। श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर बना रहे हैं, लेकिन सीता की धरती पर सीता मंदिर नहीं बना। उसी समय हम लोगों ने निश्चय किया था कि सीता के संग्राम को जगाना पड़ेगा। सीता महाशक्ति और सभी महाशक्ति का समन्वित स्वरूप थी। उनके प्राकट्य स्थल पर 21 एकड़ जमीन मिल चुका है। राम मंदिर बना रहे आर्टिस्ट सीतामढ़ी का सर्वे कर गए हैं। जैसा भव्य और दिव्य मंदिर अयोध्या में श्रीराम जी का बन रहा है। वैसा ही भव्य और दिव्य मंदिर सीतामढ़ी में सीता माता का बनेगा। महाशक्ति की एक अंग माता शीतला को जागृत करने आए हैं कि बल मिले। जिससे मिथिला के लोग महाशक्ति पीठ का निर्माण कर सकें।
भव्य मंदिर में माता सीता के 108 रूप का दर्शन होगा
जो त्रेता युग और द्वापर युग में नहीं हुआ, वह परिवर्तन अभी हिंदू समाज में हो रहा है। उसी परिवर्तन की एक कड़ी में माता सीता का भव्य मंदिर निर्माण जुड़ेगा। सभी 51 शक्तिपीठों से ज्योति लाकर सीता के प्राकट्य स्थल पर जलाएंगे। भव्य मंदिर में माता सीता के 108 रूप का दर्शन होगा। विश्व के सबसे ऊंचे 251 फीट की प्रतिमा प्रतिष्ठापित होगी। हिंदू समाज का सभी अंग जगे और सभी पुरुषार्थ को प्रत्यक्ष स्थापित करे। पूरा विश्व भारत माता के चरणों में बैठकर ज्ञान, विज्ञान, समता और ममता का संदेश पाए।
सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद ने कहा कि अपना देश भारत हर तरह से संपन्न था
समारोह को संबोधित करते हुए सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद ने कहा कि अपना देश भारत हर तरह से संपन्न था। किसी बात की कमी नहीं थी, हर घर में गाय थी, अतिथियों का स्वागत दूध और दही से किया जाता था। लंबे समय तक गुलामी के कारण संस्कृति और गोधन को समाप्त कर दिया गया। विदेशी ताकत हीरा और मोती जैसी अपार संपदा लूट कर ले गए। लेकिन अब देश बदल रहा है, आजादी के 75 वर्ष होने पर देश ने अमृत महोत्सव मनाया। उन लाखों शहीदों को याद किया, जिन्होंने अपनी कुर्बानी देकर देश को आजाद कराया था। देश को आगे बढ़ाने के लिए सबको मिलकर काम करना है। प्रतिभा किसी की बपौती नहीं है, यह सब के अंदर है। बच्चों को आगे बढ़ाना हम सबका दायित्व है, गरीब से गरीब बच्चों को भी पाठशाला भेजें, क्योंकि शिक्षित होने पर अधिकार मिलेगा।
अभिभावक ध्यान रखें कि बच्चे किसी भी प्रकार के नशा से दूर रहें
परिश्रम और शिक्षा से सफलता के सबसे सशक्त उदाहरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं। रेलवे स्टेशन पर अपने पिता के साथ चाय बेचा और आज प्रधानमंत्री हैं। यह प्रतिभा बताता है कि संघर्ष एवं मेहनत से सब कुछ मिलता है। युवाओं को नशा से दूर रहने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि यह जीवन को बर्बाद कर रहा है। अभिभावक ध्यान रखें कि बच्चे किसी भी प्रकार के नशा से दूर रहें। शुरुआत में नशा के उपयोग से मजा तो आता है लेकिन जब लत लग जाती है तो परिवार और समाज बर्बाद हो जाता है। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता महंत महेश दास ने किया।