कटिहार में जर्जर हो गया 80 बेड वाला अल्पसंख्यक बालिका छात्रावास
-डूब गये सवा दो करोड़ ! कटिहार, 29 दिसम्बर (हि.स.)। पूर्व आकलन बिना करोड़ों खर्च कर तैयार कोई सरकारी योजना किस तरह दम तोड़ देती है, कटिहार के एमजेएम महिला कॉलेज का छात्रावास इसका उदाहरण है। अल्पसंख्यक छात्राओं के लिए करीब सवा दो करोड़ रुपये की लागत से 80 बेड वाला छात्रावास अगस्त 2013 में ही महिला कॉलेज के सिपुर्द कर दिया गया था। लगभग सात साल गुजर जाने के बावजूद इस बालिका छात्रावास में किसी छात्रा को प्रवेश नहीं मिला। इस बारे में ना तो कॉलेज प्रशासन और ना ही जिला प्रशासन की ओर से कोई पहल की गई। अल्पसंख्यक बालिकाओं के लिए बनाया गया छात्रावास रखरखाव के अभाव में धीरे धीरे खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार कटिहार की कुल आबादी 30 लाख के करीब थी जो अब बढ़कर लगभग 34 लाख के आसपास हो चुकी है। कटिहार में अल्पसंख्यक समुदाय की आबादी 40 प्रतिशत के करीब है। जनसंख्या के आकड़ों के लहजे से देखा जाए तो जिले में अच्छी खासी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय की छात्राएं स्कूल व कॉलेजों में पढ़ती हैं। दूसरी ओर कॉलेज प्रशासन का कहना है कि कॉलेज में अल्पसंख्यक छात्राओं का नामांकन कम होने के कारण वे सुरक्षा कारणों से छात्रावास में नहीं रहना चाहती हैं। एमजेएम महिला कॉलेज, कटिहार में परिसर में ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के बजट से 1983 में ही 24 बेड वाला छात्रावास बना था। उसका उपयोग भी आज तक नही हो सका है। सवाल उठता है कि पहले से ही बना 24 बेड का छात्रावास बंद पड़ा है तो करोड़ों की लागत से दूसरा भवन बनाने का क्या फायदा। छात्रावास में बेड, आलमारी, रसोई घर के सामान के साथ इतने बड़े भवन में बिजली सप्लाई के लिए जनरेटर भी रखरखाव के अभाव में बर्बाद हो रहा है। खिड़की के शीशों के साथ दीवारें टूट कर जर्जर होती जा रही है। हिन्दुस्थान समाचार/विनोद-hindusthansamachar.in