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'रिडिक्यूलस' ने किया मोबाईल के नकारात्मक उपयोग और वेशभूषा पर प्रहार

बेगूसराय 23 मार्च (हि.स.)।चर्चित नाट्य संस्था मॉडर्न थियेटर फाॅउण्डेशन (एमटीएफ) द्वारा सोमवार की रात दिनकर कला भवन के प्रेक्षागृह में वर्तमान समय के वेशभूषा तथा विचार पर आधारित नाटक रिडिक्यूलस का मंचन किया। प्रस्तुत नाटक रिडिक्यूलस का अर्थ ही था बेतूकापन अर्थात हास्यास्पद। नाटक का कथानक आज के पहनावे-उढ़ावे से आरंभ होता है। एक परिवार में उल्टे कपड़े पहनने को लेकर बहस होती है और बात राजा के दरबार तक चली जाती है।जहां राजा भी प्रभावित होकर पूरे नगर वासी को उल्टे कपड़े पहनने के लिए बाध्य करता है। राजा का बेटा और महारानी इस विचार से सहमत नहीं होते हैं और अंत में राजा को इस बात का ज्ञान होता है कि हमारा पहनावा-उढ़ावा रहन-सहन, बातचीत, व्यवहार हमारे विचार की अभिव्यक्ति है। विचार कभी नकारात्मक तो कभी सकारात्मक रूप में हमारे सामने आता है। लोगों को इतना सक्षम होना चाहिए कि वह सही और गलत को समझ सके। नाटक के आरंभ गीत 'बेतुकी सी हो गई है जिंदगी ये आजकल, पढ़ने-लिखने का असर भी दिखता नहीं है आजकल' ने दर्शकों को कथ्य समझने में मदद कर दिया। निर्देशक परवेज यूसुफ ने प्रस्तुति में मोबाईल के नकारात्मक इस्तेमाल को भी बखूबी दिखाया तथा वर्तमान समय और ऐतिहासिक समय को एक साथ जोड़ कर नाटक को हास्य बनाया। कुल मिलाकर नाटक हास्य मनोरंजन के साथ-साथ अपनी बात दर्शकों तक पहुंचाने में पूरी तरह सफल रहा। राजा- अंकित राज, रानी- एकता भारती, महामंत्री- अभिनव मटिहान्वी, दरबारी एवं मुनादी वाला- राहुल कुमार, सिपाही- शिवम कुमार एवं कृष्णा नीतीश, युवक- मनीष कुमार, मां- शुभम कुमारी, दादा- संदीप कुमार, बेटी- फागुनी कुमारी, पिता- अमरीश कुमार, राजा का बेटा- कमलेश कुमार, मित्र- रुपेश कुमार, बालक- चंचल राज एवं शिवम राज, दरबारी गायक- संतु कुमार, ग्रामीण- दिवाकर झा, प्रशांत कुमार तथा अंकित कुमार ने अपनी प्रतिभा का खूबसूरत प्रदर्शन किया। अधिकांश कलाकारों का मंच पर यह पहला अवसर था। संगीत संचालन एवं मुख्य स्वर अभिनेत्री सुशीला कुमारी का था एवं नाल पर संगत कर रहे थे नंदकिशोर मालाकार। नाटक का आलेख, परिकल्पना एवं निर्देशन परवेज यूसुफ तथा प्रकाश परिकल्पना एवं संचालन केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्र अमरजीत कुमार का था। नाटक का उद्घाटन विधान परिषद सदस्य सर्वेश कुमार, उप महापौर राजीव रंजन, नृत्याचार्य सुदामा गोस्वामी, डॉ. एस. पंडित, बी.एड. काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. राजेश सिंह, वरिष्ठ चित्रकार सीताराम शर्मा, निर्देशक अमित रौशन, दीपक सिन्हा, रंगकर्मी पत्रकार विजय कुमार तथा फिल्म अभिनेता अमित कश्यप ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने जहां दिनकर कला भवन की व्यवस्था पर सवाल उठाया। विधान पार्षद सर्वेश कुमार ने कहा कि रंगमंच समाज के लिए बहुत ही आवश्यक है तथा इस माध्यम से मनोरंजन के साथ लोगों को जागरूक करने का काम किया जाता है। उप महापौर राजीव रंजन ने कहा कि बहुत जल्द ही नगर में एक और प्रेक्षागृह बनना आरंभ हो जाएगा, प्रक्रिया चल रही है। नए पोस्ट ऑफिस के बगल में भूमि अधिग्रहण प्रक्रियाधीन है तथा करीब 14 करोड़ की लागत प्रेक्षा गृह का निर्माण होना है। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र

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