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फर्जी टीईटी प्रमाण पत्र पर बहाल 38 शिक्षकों की सेवा समाप्त, एफआईआर का आदेश

बेगूसराय, 18 मई (हि.स.)। बिहार के बेगूसराय में बीते वर्षो में हुए पंचायत एवं प्रखंड शिक्षक नियोजन के दौरान नियोजन इकाई द्वारा बड़े पैमाने पर किए गए भ्रष्टाचार का एक और सनसनीखेज मामला उजागर हुआ है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्र सत्यापन बाद शिक्षा विभाग ने 38 शिक्षकों का नियोजन रद्द कर दिया है। चिन्हित शिक्षक-शिक्षिकाओं का नियोजन रद्द करने के साथ संबंधित थाना में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए वेतन समेत अन्य मद में किए गए भुगतान की वसूली का भी आदेश जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) सुमन शर्मा द्वारा दिया गया है। नियोजन इकाई को दिए गए आदेश की प्रतिलिपि निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला पदाधिकारी को भी दी गई है। सेवा समाप्त किए गए शिक्षकों ने फर्जी टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी ली थी। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने बताया कि भगवानपुर प्रखंड के प्रमोद महतों, पूजा कुमारी, आशीष कुमार, कुमारी राशि, गुड़िया कुमारी, किरण भारती, शबीना रहमानी एवं आरती कुमारी का नियोजन रद्द कर दिया गया है। बछवाड़ा प्रखंड में चंदन पासवान, बेगूसराय सदर प्रखंड में सुमन कुमारी एवं आरती कुमारी तथा बरौनी प्रखंड में दिनेश कुमार, पूजा कुमारी, पूनम कुमारी, स्वीटी कुमारी एवं सुनीता कुमारी का नियोजन रद्द किया गया है। तेघड़ा प्रखंड में सोनू पासवान, अर्चना कुमारी, राजेंद्र प्रसाद सिंह, प्रियंका भारती, प्रभात कुमार, अर्पण कुमार, रामप्रवेश कुमार सहनी, सावन कुमार, मधु कुमारी, नेहा कुमारी, जितेंद्र कुमार, निशा देवी एवं बेबी कुमारी का नियोजन रद्द किया गया है। जबकि चेरिया बरियारपुर प्रखंड में आशीष कुमार, अरुण कुमार, रंजन कुमार पासवान, गीता कुमारी, मुन्नी कुमारी, निशा कुमारी, अर्चना कुमारी, कमल सेन सिंह एवं रंजीत पासवान का नियोजन रद्द कर दिया गया है। इन सभी शिक्षकों के टीईटी प्रमाण पत्र में भारी गड़बड़ी पाई गई है। इसके साथ ही आरटीआई एक्टिविस्ट अवध बिहारी द्वारा जुटाए गए साक्ष्य के आधार पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने चेरिया बरियारपुर के सात शिक्षकों इंद्र भूषण कुमार, राम प्रकाश पासवान, कुमारी कंचन, चंद्र किशोर ठाकुर, अरविंद ठाकुर, रविंद्र कुमार ठाकुर एवं सुधा कुमारी का वेतन अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया है। जिसमें से तीन शिक्षक अरविंद ठाकुर, रविंद्र कुमार ठाकुर एवं सुधा कुमारी के सेवा समाप्ति की अनुशंसा आठ अप्रैल को ही की गई थी। इंद्र भूषण कुमार, राम प्रकाश पासवान एवं चंद्र किशोर ठाकुर ने बार-बार मांगे जाने के बावजूद अपना कागजात नहीं उपलब्ध कराया। जबकि कुमारी कंचन द्वारा उपलब्ध कराए कागजात की जांच पड़ताल चल रही है। एक साथ 45 शिक्षकों पर हुई कार्रवाई से शिक्षा माफिया बेचैन हो गए हैं। उल्लेखनीय है कि बेगूसराय जिले में पांच चरणों में हुए शिक्षक नियोजन में सभी नियोजन इकाईयों ने जमकर मनमानी की। गलत कागजात पर नियोजन करने के लिए पांच-छह लाख रुपये तक वसूली किया गया। बाद में जब निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने सभी के प्रमाण पत्रों की जांच की तो दो सौ से अधिक फर्जी शिक्षक पाए जा चुके हैं। एक हजार से अधिक शिक्षकों ने अब तक अपना प्रमाण पत्र जमा नहीं किया है। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र

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