भिवानी: पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी झींगा मछली से कर रही खूब कमाई

हरियाण के भिवानी जिले में मच्छली पालन का व्यवसाय भी खूब फलने-फूलने लगा है। इस क्षेत्र में पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं।
भिवानी: पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी झींगा मछली से कर रही खूब कमाई

भिवानी, एजेंसी। समान्य खेती व पशुपालन की तरह ही भिवानी जिला में झींगा मच्छली पालन का व्यवसाय भी खूब फलने-फूलने लगा है। लोगों का झींगा पालन के प्रति रूझान दिन-प्रति दिन बढ रहा है। अब न केवल पुरुष बल्कि महिलाएं भी झींगा मच्छली पालन कर अच्छी खासी कमाई कर रही हैं।


बागवानी व मच्छली पालन पर दिया गया जोर
प्रदेश के कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल द्वारा किसानों की आय को बढ़ाने के लिए बागवानी व मच्छली पालन पर पूरा जोर दिया जा रहा है। मच्छली पालन के लिए विभाग द्वारा प्रोजेक्ट पर महिला व अनुसूचित जाति को 60 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है। इसी प्रकार सामान्य वर्ग व पिछड़े वर्ग को 40 प्रतिशत का अनुदान दिया जाता है। जिला में फिलहाल करीब 225 एकड़ में झींगा पालन किया जा रहा है। पुरुषों के साथ-साथ महिलाए भी झींगा पालन को अपना प्रमुख व्यवसाय बना रही हैं।

चार एकड़ जमीन पर मछली पालन
गांव नांगल निवासी सोनिया पत्नी मंदीप ने बताया कि वे गांव मोहिला में करीब चार एकड़ जमीन लीज पर लेकर झींगा पालन का कार्य कर रही हैं। इसके लिए उन्होंने विभाग से झींगा पालन के लिए पूरी जानकारी व प्रशिक्षण लिया। वर्ष 2022-23 के दौरान उन्होंने करीब सात टन झींगा की पैदावार ली है, पैदावार को करीब 27 लाख 50 हजार रुपए में बेचा, जबकि लागत करीब 13 लाख रुपए आई थी। झींगा पालन से उनको खूब मुनाफा हो रहा है।

गांव सिवानी निवासी पूनम देवी पत्नी दीपक कुमार ने बताया कि वे गांव बुद्घशैली में करीब 3.5 एकड़ जमीन लीज पर लेकर झींगा पालन का कार्य कर रही हैं। वर्ष 2022-23 में सात टन झींगा उत्पादन हुआ, जिससे उनको करीब11 लाख रुपए का फायदा हुआ है। इससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति और अधिक मजबूत हुई है।

गांव झुप्पा खुर्द निवासी सुनील कुमार पुत्र दलीप सिंह ने बताया कि वे गांव झुप्पा कलां में ही पिछले तीन साल से झींगा पालन कर रहे हैं। वर्ष 2022-23 के दौरान उन्होंने करीब आठ टन की पैदावार ली, जिससे उनको करीब 15 लाख रुपए का फायदा हुआ है। उन्होंने बताया कि झींगा पालन के लिए उन्होंने मत्स्य पालन विभाग से जानकारी ली।

जिला मत्स्य अधिकारी सिकंदर सांगवान ने बताया कि लोगों को झींगा पालन के बारे में जागरूक किया जा रहा है। लोग झींग पालन हेतू सरकार द्वारा दी जाने वाली अनुदान राशि का लाभ उठा रहे हैं। धीरे-धीरे झींगा पालन का दायरा बढता जा रहा है। इसके लिए समय-समय पर जागरूकता शिविर भी आयोजित किए जाते हैं। झींगा पालन खारे पानी में होता है, जो कि सिवानी व लोहारू क्षेत्र में सबसे अधिक है।

उपायुक्त नरेश नरवाल ने बताया कि झींगा मच्छली पालन को लेकर विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे लोगों को जागरूक करें। महिलाओं द्वारा झींगा पालन करना आत्मनिर्भरता की एक तरफ बढ़ता कदम है। अन्य महिलाएं भी झींगा पालन कर अपनी कमाई बढ़ा सकती हैं।

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