अयोध्या, रफ्तार डेस्क। भारतीय जनता पार्टी के सबसे वरिष्ठ और संस्थापक सदस्यों में रहे लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल न होने की खबर आग की तरह फैल रही है। कहा जा रहा है कि उन्हें आमंत्रण नहीं भेजा गया। हम सारी सच्चाई इस खबर में जानने का प्रयास करेंगे।
राम मंदिर ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने दिया उम्र का हवाला
दरअसल श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम मंदिर आंदोलन की अगुवाई करने वाले दोनों वरिष्ठ नेता को एक पत्र लिखकर 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल न होने के लिए अनुरोध किया है। असल में ट्रस्ट ने दोनों नेताओं की उम्र को देखते हुए ही उनसे अनुरोध किया है। दोनों वरिष्ठ नेताओ लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी ने ट्रस्ट का अनुरोध स्वीकार कर लिया है। वहीं भाजपा से जुड़े कार्यकर्ता हैरान हैं कि राम मंदिर आंदोलन के सबसे बड़े चेहरे प्राण प्रतिष्ठा समारोह में क्यों शामिल नहीं होंगे।
लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी दोनों परिवार के बुजुर्ग हैं
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने इस बात की पुष्टि भी कर दी है कि दोनों वरिष्ठ नेताओ लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी ने उनके अनुरोध को मान लिया है और दोनों नेता 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में भी शामिल नहीं होंगे। चंपत राय ने कहा कि 'दोनों परिवार के बुजुर्ग हैं उनकी उम्र को ध्यान में रखते हुए ही उनसे प्राण प्रतिष्ठा में शामिल न होने का अनुरोध किया था, जिसे दोनों वरिष्ठ नेताओ ने मान लिया है।
23 जनवरी से आमलोग भी रामलला के दर्शन कर पाएंगे
राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद 24 जनवरी से 28 जनवरी तक मंडल पूजा होगी। वहीं, 23 जनवरी से आमलोग भी रामलला के दर्शन कर पाएंगे। अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा समारोह में साधु-संतों के साथ साथ दो हजार से अधिक लोगो को आमंत्रित किया गया है। जिसमे अमिताभ बच्चन, रजनीकांत, मुकेश अंबानी और योगगुरु रामदेव बाबा जैसे कई हस्तियों को भी बुलाया गया है।
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