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पूसीरे की बीडीयू पहल, किफायती परिवहन के लिए नयी वस्तुओं को किया जा रहा लोड

गुवाहाटी, 04 मार्च (हि.स.)। पूर्वोत्तर सीमा रेलवे (पूसीरे) अपनी विभिन्न ग्राहक हितैषी पहलों से माल लदान खंड में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। पूसीरे द्वारा ट्रांसपोर्टरों और ग्राहकों को मदद करने के लिए प्रायः सभी व्यवहार्य स्थानों पर नये लोडिंग व अन-लोडिंग स्टेशन खोले जा रहे हैं। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी आवश्यकरूप से जीवित रखने में मदद मिली है और अन्य वस्तुओं को ट्रांसपोर्टरों द्वारा रेल के जरिये नजदीकी स्टेशनों पर लाया जा सकता है जो परिवहन के अन्य मोड की तुलना में ज्यादा किफायती है। इसके परिणामस्वरूप, पहली बार दो मार्च को पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी से बिहार के फतुहा के लिए 21 वैगन कोकाकोला के उत्पाद लदे एक मिनी रेक लोड किया गया। बुधवार को असम के आजरा से अरूणाचल प्रदेश के नाहरलगुन के लिए भी पेप्सी ब्रांड के वातित पेय पदार्थों की 100वीं पार्सल वैन लोड की गयी थी। लौह और इस्पात की खेपों से भरा पहला रैक भी पिछले सप्ताह डेकारगांव स्टेशन पर अनलोड किया गया। इससे पहले 310 मोटर ट्रैक्टरों को दो रेकों में लोड किया गया था, जहां प्रत्येक में 25 वैगन थे, को असम के चांगसारी रेलवे साइडिंग से उत्तर प्रदेश के दादरी अंतर्देशीय कंटेनर डिपो के लिए बुक किया गया था। पहली बार जल आपूर्ति के लिए बड़े आकार की पाइप, दूध और खाद्य पदार्थ जैसे स्नैक्स और बिस्कुट आदि भी लादे जा रहे हैं। फरवरी माह के दौरान धूपगुड़ी, फालाकाटा एवं चांग्राबांधा जैसे स्टेशनों से 140 पार्सल वैनों पर आलू लादे गये थे। बासुगांव से 42 वैगनों पर बांस लादे गये थे। बांग्लादेश में दामदीम से बिरोल के लिए 58 वैगनों पर स्टोन चिप्स लादे गये थे। कूचबिहार से 34 पार्सल वैनों पर जूट लादे गये थे और आजरा से 11 पार्सल वैनों पर पेप्सी उत्पाद लादे गये थे। इसके अतिरिक्त धातु की तलछट लदे 42 वैगनों की पहली बार के लिए स्टार साइडिंग से धूपगुड़ी के लिए भेजा गया। उल्लेखनीय है कि माल परिवहन की मात्रा बढ़ाने के लिए पूसीरे ने रेलवे बोर्ड द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार सभी पांच मंडलों अर्थात कटिहार, अलीपुरद्वार, रंगिया, लमडिंग और तिनसुकिया में और जोनल मुख्यालय स्तर पर व्यवसाय विकास इकाई (बीडीयू) की स्थापना की है। ये बीडीयू स्थानीय ट्रांसपोर्टरों और उद्योग व उत्पादन घरानों के साथ लगातार संपर्क में हैं ताकि उन्हें परिवहन और लोजेस्टिक समाधान प्रदान किया जा सके। इस पहल के परिणामस्परूप अब रेलवे में किफायती लागत पर ढुलाई के लिए नये प्रकार की सामग्री आ रही हैं। हिन्दुस्थान समाचार/ अरविंद

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