जानिए कैसे ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे चलेंगी बस और ट्रेन? सरकार प्रोजेक्ट में लगाएगी करोड़ों रुपये

भारत सरकार ब्रह्मपुत्र के नीचे एक सुरंग का निर्माण करेगी। ट्रेनें पानी के नीचे चलेंगी, बसें चलेंगी। यह सुरंग गहपुर और नुमलीगढ़ के बीच 6000 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा।
जानिए कैसे ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे चलेंगी बस और ट्रेन
जानिए कैसे ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे चलेंगी बस और ट्रेन

लखीमपुर, हिन्दुस्थान समाचार। मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्वा सरमा ने लखीमपुर लोकसभा क्षेत्र में विशाल जनसभा को संबोधित किया। यह जनसभा लखीमपुर के सुबनसिरी कॉलेज मैदान में आयोजित की गई थी। इसका आयोजन भारतीय जनता पार्टी के महा जनसंपर्क अभियान के सिलसिले में किया गया। मुख्यमंत्री ने नए भारत के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और लोगों को कई आश्वासन दिये। उन्होंने कहा कि लोग निश्चिंत रहें, माजुली में एक पुल बन ही रहा है साथ ही भारत सरकार ब्रह्मपुत्र के नीचे एक सुरंग का निर्माण करेगी। ट्रेनें पानी के नीचे चलेंगी, बसें चलेंगी। यह सुरंग गहपुर और नुमलीगढ़ के बीच 6000 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा।

प्रति वर्ष 30,000 से 40,000 तक नौकरियां पैदा करने का किया वादा

उन्होंने कहा कि काजीरिंगा में 32 किलोमीटर लंबा विशेष फ्लाईओवर बनेगा। उन्होंने कहा कि निर्वाचन क्षेत्र पुनर्निर्धारण मसौदा 102 निर्वाचन क्षेत्रों में खिलंजिया (स्थानीय लोग) के अस्तित्व को सुरक्षित करेगा। असम में खिलंजिया का अस्तित्व अगले 30 साल तक सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि लाख नौकरियां देकर ही सरकार नहीं रुकेगी। मुख्यमंत्री ने इस सरकार द्वारा प्रति वर्ष 30,000 से 40,000 तक नौकरियां पैदा करने का वादा किया।

दो लाख शिक्षित बेरोजगार युवाओं को मिलेंगे 2-2 लाख रुपये

उन्होंने कहा कि अरुणोदय योजना में अन्य नौ लाख लोगों को सरकार द्वारा कवर किया जाएगा। अक्टूबर तक हर गरीब व्यक्ति को राशन कार्ड मिल जाएगा। राशन कार्ड पर गरीबों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज भी मिलेगा। इस एक राशन कार्ड से 2 लाभ होगा। इस कार्ड से चावल भी मिलेगा और इलाज भी होगा। उन्होंने कहा कि दो लाख शिक्षित बेरोजगार युवाओं को 2-2 लाख रुपये मिलेंगे। प्रत्येक एसएचजी सदस्य को पहले वर्ष में 10,000 रुपये मिलेंगे। अच्छा काम करने वाली महिलाओं को दूसरे साल में 20,000 रुपये मिलेंगे। उन्होंने कहा कि असम में अब कोई आंदोलन नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने असमिया माध्यम के स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम के निजी स्कूलों से बेहतर बनाने का भी वादा किया। अपने संबोधन में उन्होंने माजुली के साथ ही राज्य की जनता को एक से बढ़कर एक कई आश्वासन दिए

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