एनआरसी पुनरीक्षण के प्रति सरकार प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री डॉ सरमा
गुवाहाटी, 24 मई (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी यानी एनआरसी के पुनरीक्षण को लेकर सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान जनता से इस संदर्भ में किए गए वादे से सरकार पीछे नहीं हट सकती है। मुख्यमंत्री डॉ सरमा सोमवार को असम संविधान सभा के तीन दिवसीय विशेष सत्र के अंतिम दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा का उत्तर देते हुए ये बातें कही। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान जनता से किए गए हर वादे को उनकी सरकार पांच वर्षों में पूरा करेगी। स्थानीय भूमिहीन लोगों को भूमि का पट्टा देने के प्रति सरकार प्रतिबद्ध है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव के दौरान जनता से वादा किया था कि यदि उनकी सरकार बनती है तो बंद किए गए राज्य के मदरसे फिर से नहीं खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, एआईयूडीएफ ने चुनाव के दौरान जो जनता से वादे किए उस पर वे भी कायम रहें और भाजपा को भी अपने वादों पर कायम रहने दें। उन्होंने कहा कि सत्ता और विपक्षी सदस्यों को आम सहमति के मुद्दों को लेकर आगे बढ़ना चाहिए। यदि विवादित मुद्दों को छोड़कर सत्ता और प्रतिपक्ष आम सहमति के आधार पर काम करे तो असम का बहुत ही भला हो सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्रों की भूमि पर यदि कोई अवैध कब्जा करता है तो सरकार उसे बर्दाश्त नहीं करेगी। अपने उत्तर में मुख्यमंत्री ने कृषि क्षेत्र पर फोकस रखने की भी बात कही। मुख्यमंत्री ने असम के प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट आफ असम के स्वाधीन गुट यानी उल्फा (स्वाधीन) के स्वयंभू सेनाध्यक्ष द्वारा अपहृत रितुल सैकिया को उनके अनुरोध पर रिहा करने का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बातचीत के जरिए समस्या समाधान के प्रति उल्फा ने जो जिज्ञासा दिखाई है वह स्वागत योग्य है। असम की भावी पीढ़ी को शांतिपूर्ण तरीके से जीने का अधिकार है। वहीं, मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में बोडोलैंड तथा कार्बी आंगलांग में स्थापित की गई शांति को और अधिक प्रगाढ़ बनाने का आश्वासन देते हुए यह भी कहा कि यदि कोई कानून को अपने हाथ में लेता है तो उसके साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा के विभिन्न बिंदुओं पर प्रकाश डाला। हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश/ अरविंद