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कोरबा:रेंजर ने 20 लाख का स्टापडेम कागजों में बनाया,दूसरे वनमंडल द्वारा निर्मित स्टापडेम को अपना बताया

कोरबा, 15 फरवरी (हि स) कटघोरा वनमंडल में पदस्थ रहे तत्कालीन रेंजर एवं पदोन्नत पश्चात वर्तमान में कटघोरा उपवनमंडलाधिकारी प्रहलाद यादव ने ना सिर्फ पाली रेंज में भ्रष्ट्राचार को जमकर अंजाम दिया ,बल्कि इसके पूर्व केंदई रेंज में रहते हुए भी उन्होंने दूसरे वनमंडल द्वारा पूर्व से निर्मित स्टापडेम को अपना बताकर, निर्माण कार्य का बकायदा सूचना बोर्ड भी लगा दिया। वन्यप्राणी संरक्षण व हाथी रहवास के नाम पर हर साल जंगली नदी- नालों में स्टापडेम बनाने वनमंडल की ओर से मंजूरी मिलती है।ऐसे ही विगत वर्ष 2018 में भी केंदई रेंज अंतर्गत मदनपुर के पुटा जंगल मे 20 लाख रुपये से स्टापडेम बनाने कटघोरा वनमंडल से मंजूरी मिली थी।तब यहां वर्तमान एसडीओ प्रहलाद यादव तत्कालीन रेंजर के रूप में पदस्थ रहे, जिन्होंने निर्माण कार्य का सूचना बोर्ड तो जरूर लगा दिया, लेकिन इसके 500 मीटर दूर आगे जो वनमंडल सूरजपुर के रामानुजनगर वनपरिक्षेत्र में आता है, वहां मनाशी नाला में पूर्व के बने स्टापडेम को अपना बता लाखों की राशि सीधे तौर पर डकार लिया गया।बता दें कि तत्कालीन रेंजर प्रहलाद यादव द्वारा पुटा जंगल में जहां 20 लाख की लागत से स्टापडेम बनाने का सूचना बोर्ड लगाया था। उसके 200 मीटर के आसपास कोई नदी- नाला ही नही है। नियमतः एक वनमंडल में मंजूर कार्य दूसरे वनमंडल में नही करा सकते, परंतु तत्कालीन रेंजर श्री यादव ने कागजों में ऐसा कारनामा कर दिखाया और उन्होंने जिस स्टापडेम को अपना बताया वह रामानुजनगर वनपरिक्षेत्र के 1974 में बना हुआ है। जबकि सूचना बोर्ड केंदई रेंज के कक्ष क्रमांक- पी 361 में लगाया गया है।श्री यादव द्वारा सूरजपुर वनमंडल के मनाशी नाला में यदि स्टापडेम बनवाया भी गया था तो नियमानुसार वनविभाग में मंजूर निर्माण कार्य को चयनित स्थल के अलावा किसी दूसरे क्षेत्र में नही कराया जा सकता और यदि ऐसा होता है तो वनमंडल स्तर पर स्थल परिवर्तन के लिए संबंधित उच्चाधिकारियों से आदेश लेना पड़ता है।ऐसे में चर्चित रेंजर रहे प्रहलाद यादव द्वारा स्टापडेम बनाया भी गया था या बिन बनाए ही राशि निकाल ली गई थी यह गंभीर जांच का विषय है। हिन्दुस्थान समाचार / हरीश तिवारी-hindusthansamachar.in

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