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कोरबा : जिले के श्वान आए पार्वो वायरस की चपेट में, मचा हड़कंप

कोरबा, 25 फरवरी (हि. स.) । पार्वो वायरस के कारण कुत्तों के मरने के कई मामले शहर से सामने आए हैं। वायरस के मुख्य शिकार गैर-टीकाकृत स्ट्रीट डॉग और उनके पिल्ले हैं। समय पर इलाज के अभाव में कई कुत्तों ने दम तोड़ दिया। अब तक 45 से अधिक मामले सामने आए हैं। हालांकि, वायरस का मनुष्यों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। मौसम में बदलाव ने न केवल इंसानों, झोपड़ी जानवरों के स्वास्थ्य को भी प्रभावित किया है। कुत्तों के लिए बीमारी का वाहक, परवो वायरस, गैर-टीकाकृत आवारा कुत्तों के बीच फैल रहा है। यह आंतों की गतिविधियों को परेशान करता है और संक्रमण की ओर जाता है। कई कुत्ते रक्त-वहन करने वाली उल्टी और मलत्याग करते हैं। बीमारी के कारण कई पिल्लों की मौत हो जाती है। जहां इलाज के बाद काफी हद तक टीका लगाए गए कुत्ते वापस आ गए हैं, लेकिन गैर-टीकाकृत कुत्ते जीवन के लिए जूझ रहे हैं। अधिक से अधिक लोगों को अपने कुत्तों का टीकाकरण करवाने के लिए कहा जा रहा है। दर्री और जमनीपाली से पार्वो वायरस के दो दर्जन से अधिक मामले सामने आए हैं, जिनमें अधिकांश मामले छोटे पिल्लों से संबंधित हैं। पशु चिकित्सक डॉ एसके चंद्रा ने कहा कि यह कोई नया वायरस नहीं है, और पिछले कई वर्षों से काम कर रहा है। कुत्ते के कुत्तों को टीकाकरण प्राप्त नहीं होता है और आसानी से संक्रमण का शिकार हो जाते हैं। वायरस न केवल शहर, बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी फैल रहा है। मूल रूप से, वायरस एक जठरांत्र है। इससे मुंह से गुदा तक सूजन आ जाती है और बलगम झिल्ली क्षतिग्रस्त हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप आंतरिक रक्तस्राव होता है। पेट में रक्त उल्टी या मलत्याग के रूप में निकलता है और कुत्ता खाना-पीना बंद कर देता है, धीरे-धीरे मृत्यु की ओर बढ़ता है। हिन्दुस्थान समाचार / हरीश तिवारी

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