kondagaon-the-hard-work-of-likhan-and-shekhar39s-dreams-was-a-dark-shadow-of-corona
kondagaon-the-hard-work-of-likhan-and-shekhar39s-dreams-was-a-dark-shadow-of-corona

कोंडागांव : मेहनत कश लैईखन व शेखर के सपनों को पड़ा कोरोना का काली साया

कोंडागांव 25 अप्रैल (हि.स.)। मेहनत करने वालों को ईश्वर भी साथ देता है यही सपना सवारे दो आदिवासी युवक ने मिलकर 03 एकड़ खेत में बोर खनन के साथ हरी-भरी सब्जी उगाने का निर्णय लिया। खेत में घरेलू उपयोग होने वाले विभिन्न प्रजातियो के सब्जी बीज डालकर रोज उस बगीचा में दो परिवार के परिजनों में 5-6 संख्या मे महिला एवं बच्चों के साथ खेत में लगाई विभिन्न प्रजातियां का सब्जी फसल में मेहनत किये, मेहनत का फल भी ईश्वर ने दिया और 03 एकड़ खेत में विभिन्न प्रजातियो का हरी सब्जी की फसल देखकर गरीब परिवार के चेहरे में खुशी छा गई। लेकिन इनकी मेहनत से खेत में लगे सब्जी जब बाजार में बिक्री करने का समय आया तो इन गरीबों के सुनहरे सपनों पर कोरोना की काली छाया पडने के साथ लॉकडाउन भी लग गए 5-6 संख्या में दो परिवार की हंसी खुशी सुनहरे सपनों पर उनके चेहरे पर भी मायूसी साफ दिखाई देने लगी है। यह केवल मात्र कहानी नहीं है बल्कि सच्चा जीता जागता प्रमाण है। जब हमारे प्रतिनिधि इनके खेत में लगे सब्जियों की फसल को देखने पहुंचने पर कोरोना व लाकडाउन के चलते खेत में लगे विभिन्न प्रजातियो कि सब्जी खेत में बर्बाद होती दिखाई देने लगी। उक्त नजारा विकासखंड केशकाल मुख्यालय से करीब 3 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत गौरगांव के किनारे लगी सब्जी खेत का नजारा है यह परिवार जन अपने सुनहरे सपने सवारे उज्जवल भविष्य की चिंता व अपने परिवार जनों की सपनों का सफल बनाने के लिए दो यूवक लैईखन सोरी एवं शेखर शोरी दोनों मिलकर गोरगांव 03 एकड़ खेत में विभिन्न प्रकार के सब्जियां को फसल लगाया। जिसमें कई सब्जी कोरोना की मार लॉकडाउन से बाजार बंद के चलते बर्बाद होने का दुखद नजारा देखने को मिला है। गरीब युवक लैईखन सोरी एवं शेखर सोरी ने अपने दुखद जानकारी देते बताया है कि हमारे दोनों परिवारजनों द्वारा मिलकर 3 एकड़ खेत भूमि में सब्जियों का बगीचा में दिन रात मेहनत कर फसल को लगाया है फ़सल निकलने लगा तो लाकडांउन ने हमारे सपना को पूरा तोड दिया, साथ ही दोनों परिवार के बच्चों का भरण पोषण करने के लिए रोटी का भी गंभीर समस्या उत्पन्न हुआ है। लाकडाउन के चलते केसकाल बाजार तथा अन्य मार्केट पूरा बन्द होने पर पूरा फसल खेत में बर्बाद होने की स्थिति में है। दोनों युवकों ने आगे जानकारी में बताया कि इधर उधर से कर्ज लेकर हम लोग 3 एकड़ खेत में सब्जी लगाए हैं लेकिन मार्केट बंद है तो सब्जियों को कहां बिक्री करेंगे और उधार वालों का कर्ज कैसे अदा करेंगे। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव गुप्ता

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in