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कोंडागांव:सिलगेर काण्ड- सीपीआई व अखिल भारतीय आदिवासी महासभा ने सौंपा ज्ञापन

कोंडागांव,02 जून (हि.स.)। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी एवं अखिल भारतीय आदिवासी महासभा द्वारा मंगलवार 2 जून को जिला कार्यालय में पहुंचकर, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के नाम पर सिलगेर काण्ड की न्यायिक जाँच करने व पुलिस केम्पों के मामलों में संविधान की पांचवीं अनुसूचि व पेशा कानून का पालन करने संबंधी मांग पत्र को सौंपा गया। सौंपे गए मांग पत्र में सिलगेर में आदिवासियों द्वारा किए जा रहे संघर्ष के दौरान 17 मई 2021 को हुए गोलीकाण्ड में तीन आदिवासी ग्रामीणों की मौत के दोषी जवानों के खिलाफ हत्या का अपराध दर्ज किए जाने तथा पूरी घटना की उच्च न्यायालय के किसी रिटायर्ड जज से जाँच कराए जाने की गई है। संगठनों ने कहा है कि संविधान की पांचवीं अनुसूची व पेशा कानून के प्रकाश में यह मांग उचित है कि बिना ग्राम सभा की सहमति के कैम्प खोलना, संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा आदिवासी क्षेत्रों के लिए घोपित घोषणा पत्र भी कहता है कि आदिवासियों की स्वायतता को कायम रखने के लिये यह जरूरी है कि सैन्य गतिविधियां ऐसे क्षेत्रों में निषिध हों, अतः कैम्प हटाया जावे। इससे ग्रामीणों में असंतोष व गुस्सा तो है, जिसके कारण टकराहट बढ़ रहा है। सरकार फोर्स तैनात कर नक्सलियों को खत्म कर शांति लाने की बात कर रही है जो कि बस्तर में खून-खराबा व हिंसा को बढ़ावा ही दे रहा है। यहां शांति के लिए वार्ता हो, आदि बातों का उल्लेख करते हुए मांगों पर गम्भीरतापूर्वक विचार कर बस्तर में शांति स्थापित करने में उल्लेखनीय पहल करने का कष्ट करने का आग्रह किया गया है। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव गुप्ता

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