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कवर्धा : छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने कबीरधाम जिले के 9 प्रकरण में 8 प्रकरण को सुलझाया

छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने प्रेसवार्ता के दौरान मीडिया को दी जानकारी कवर्धा/रायपुर, 21 जनवरी (हि. स.)। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की विशेष उपस्थिति में गुरुवार को जिला कार्यालय के सभाकक्ष में कबीरधाम जिले से प्राप्त आवेदनों पर जन सुनवाई की गई। इस जन सुनवाई में 8 प्रकरणों का नस्तीबद्ध किया गया और 1 प्रकरण को आयोग में सुनवाई के लिए कबीरधाम से प्रेषित किया गया। इस अवसर पर पंडरिया विधायक ममता चंद्राकर, कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा, पुलिस अधीक्षक शलभ कुमार सिन्हा, नीलकंठ चंद्रवंशी, बोड़ला नगर पंचायत अध्यक्ष सावित्री साहू, मुकंद माधव कश्यप, राजेश शुक्ला, गंगोत्री योगी सहित संबंधित विभाग के अधिकारी कर्मचारी, आवेदक गण और मीडिया के प्रतिनिधि उपस्थित थे। आयोग द्वारा आयोजित सुनवाई के बाद आयोग के अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक और पंडरिया विधायक तथा आयोग के अधिकारी मीडिया से रूबरू हुए। डॉ. नायक ने बताया कि आज उनके कार्यकाल का 6 माह पूरे हो रहे है। 21 जुलाई को उन्होंने आयोग के अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया था। उस दौर में हम सब वैश्विक महामारी, कोविड-19 कोरोना वायरस के संक्रमण से जूझ रहे थे। कार्यकाल के इस 6 माह के अवधि में 1 माह लॉकडाउन में ही बीत गया। इसके बावजूद भी कोरोना वायरस के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आयोग ने अपनी सुनवाई किया। उन्होंने बताया कि पदभार संभालते ही आयोग ने विभिन्न प्रकार के प्रकरणों के 582 मामले लंबित थे। उन्होंने बताया कि आयोग ने लंबित प्रकरणों की सुनवाई, रजामंदी के लिए राज्य के सभी जिलों में पहुंचकर सुनवाई की जा रही है। अब तक 1072 मामले की सुनवाई की गई है और 300 प्रकरणों को नस्तीबद्ध कर लिया गया है। आयोग की इस त्वरित कार्यवाही के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग ने तारिफ की है। राज्य महिला आयोग के द्वारा इस सिमित अवधि में सर्वाधिक सुनवाई करने तथा परिवारों को एकजुटता और एक करने जैसे न्यायायिक व्यवस्था बनाने पर आगामी 31 जनवरी को दिल्ली में आयोजित एक समारोह में सम्मानित करने के लिए आमंत्रित किया गया है। उन्होंने ने देश के अन्य राज्यों के महिला आयोग की तुलना में छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग सर्वाधिक सुनवाई करने वाला आयोग बन गया है। आयोग के इस त्वरित और पारदर्शितापूर्ण कार्यवाही से महिलाओं में जागृति और जागरुकता भी आई है। इसी का परिणाम है कि आज आयोग को प्रतिमाह 100 से अधिक आवेदन प्राप्त हो रहे हैं। डॉ. नायक ने बताया कि आयोग में शारीरिक शोषण, मानसिक प्रताड़ना, दहेज प्रताड़ना, सम्पत्ति विवाद जैसे कई प्रकरणों की सुनवाई की जाती है, इनमें अधिकांश मामले पारिवारिक विवाद के होते हैं, लेकिन थाने में लंबित मामलों की सुनवाई आयोग में नहीं हो सकती। पुलिस द्वारा यदि मामलों पर कार्रवाई नहीं की जाती, तब ऐसी स्थिति में महिला आयोग मामले का संज्ञान ले सकती है। हिन्दुस्थान समाचार/गायत्री प्रसाद-hindusthansamachar.in

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