'काशी शब्दोत्सव' में भारत का वैश्विक दृष्टिकोण निहित : संजीव शर्मा

कला,साहित्य एवं संस्कृति के सांवादिक महोत्सव काशी शब्दोत्सव में पहुंचे महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय,पूर्व कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि काशी शब्दोत्सव अनेक मामलों में महत्वपूर्ण है।
'काशी शब्दोत्सव' में भारत का वैश्विक दृष्टिकोण निहित : संजीव शर्मा

काशी, एजेंसी। कला, साहित्य एवं संस्कृति के सांवादिक महोत्सव काशी शब्दोत्सव में पहुंचे महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी के पूर्व कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि काशी शब्दोत्सव अनेक मामलों में महत्वपूर्ण है। यह भारतीय ज्ञान परंपरा के शब्दों का ''उत्स'' है। इस ''उत्स'' से झरने वाले एक-एक शब्द भारतीय ज्ञान को विश्व में प्रतिष्ठित करेंगे।

तीन दिनों का है प्रोग्राम

प्रो. शर्मा रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित तीन दिवसीय काशी शब्दोत्सव को संबोधित को रहे थे। उन्होंने कहा कि काशी शब्दोत्सव में भारत का वैश्विक दृष्टिकोण निहित है। विश्व को भारतीय मठ-मंदिर और भारतीय समाज, अध्यात्म और धर्म के साथ विज्ञान एवं तकनीकी से परिचित कराने का प्रयास है। यहां से पूरे विश्व में रामायण और महाभारत के शाश्वत मूल्यों के ज्ञान-विज्ञान भी प्रकाशित होंगे।

देशाटन के माध्यम से एकात्म भारत का दर्शन

भारतीय इतिहास लेखन की विसंगतियां भी दृष्टव्य होंगी। देशाटन के माध्यम से एकात्म भारत का दर्शन तो होगा ही, संस्कृति-हिंदुत्व और आधुनिकता पर भी विचार आएंगे। भारतीय कलाओं की चर्चाओं से भारत की उन्नत कला परंपरा का विहंगम दृश्य श्रोताओं के सामने खड़ा होगा। प्रो. शर्मा ने कहा कि नटराज की धरती पर हो रहे आयोजन की हर एक वाणी विश्व में न सिर्फ गुंजायमान होगी, बल्कि भारत के विभिन्न आयामों से विश्व को परिचित भी कराएगी। सभी आयामों के बढ़ते चरण का विश्व मूल्यांकन कर सकेगा

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