डीके शिवकुमार के खिलाफ CBI जांच पर रोक जारी, कर्नाटक HC से मिली बड़ी राहत

CBI ने ITNL और उसके प्रवर्तकों के खिलाफ 19 बैंकों से 6524 करोड़ रुपये की हेराफेरी के मामले में मुकदमा दर्ज किया है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस मामले में सीबीआई जांच पर लगाई गई रोक जारी रखी है।
डीके शिवकुमार के खिलाफ CBI जांच पर रोक जारी, कर्नाटक HC से मिली बड़ी राहत

नई दिल्ली, रफ्तार न्यूज डेस्क। कर्नाटक हाईकोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति मामले में शुक्रवार को राज्य के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के खिलाफ CBI जांच पर रोक बढ़ा दी है। डीके शिवकुमार ने मामले में अपने खिलाफ दर्ज FIR को चुनौती दी है। यह याचिका शुक्रवार को जस्टिस एम नागप्रसन्ना की सिंगल बेंच के सामने रखी गई। इस मामले में जस्टिस के नटराजन की बेंच ने गर्मी की छुट्टी से पहले आंशिक सुनवाई की थी। इसी कारण से जस्टिस नागप्रसन्ना ने रजिस्ट्रार को आदेश दिया है कि वह फाइल को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष रखें। जस्टिस नागप्रसन्ना ने निर्देश दिया कि उनकी राय ली जाए कि क्या वह उसी याचिका पर सुनवाई जारी रख सकते हैं। न्यायालय ने पहले दी गई रोक जारी रखी है।

डीके शिवकुमार द्वारा HC में दो याचिकाएं दायर की गई थीं। एक याचिका 25 सितंबर, 2019 को उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से CBI को दी गई मंजूरी के खिलाफ और दूसरी याचिका 3 अक्तूबर, 2020 को CBI की ओर से उनके खिलाफ दर्ज की गई FIR को चुनौती देने के लिए दायर की गई है। बता दें सीबीआई जांच को दी गई मंजूरी को चुनौती देने वाली याचिका हाईकोर्ट द्वारा खारिज की जा चुकी है।

19 बैंकों से धोखाधड़ी का मामला

CBI ने ITNL और उसके प्रवर्तकों के खिलाफ 19 बैंकों से 6524 करोड़ रुपये की हेराफेरी के मामले में मुकदमा दर्ज किया है। सीबीआई के अनुसार यह मामला 2016 से 2018 के बीच का है। इन बैंकों में केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, पीएनबी, एसबीआई, यस बैंक और एक्सिस बैंक शामिल हैं।

केनरा बैंक ने दर्ज कराई थी शिकायत
केनरा बैंक की शिकायत पर सीबीआई ने यह मामला दर्ज किया है। केनरा बैंक के अनुसार आईटीएनएल ने आम लोगों के 6524 करोड़ का गबन किया है। और सभी कर्जदाताओं के साथ धोखाधड़ी की गई है। ये सभी लोग कानून के अच्छे जानकार हैं और खुद को इससे बचाने का तरीका जानते हैं। पैसों के गबन का मामला सामने तब आया जबएनसीएलटी द्वारा 2018 में इस मामले में नया निदेशक मंडल नियुक्त किया गया था। बता दें कि ITNL वर्ष 2018 में दिवालिया घोषित करने का आवेदन देने वाली आईएल एंड एफएस लिमिटेड की ही कंपनी है।

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