कर्नाटक सरकार का हुआ मंत्रीमंडल विस्तार, जानिए क्या है जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण ?

कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। सिद्धारमैया सरकार में 33 मंत्री बनें हैं।
कर्नाटक सरकार का हुआ मंत्रीमंडल विस्तार, जानिए क्या है जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण ?

नई दिल्ली, रफ्तार न्यूज डेस्क। कर्नाटक में सीएम सिद्धारमैया के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनने के लगभग एक हफ्ते बाद आज 24 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। सिद्धारमैया सरकार में 33 मंत्री बनें हैं। बता दें कि सीएम सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार समेत 10 मंत्रियों ने 20 मई को शपथ ली थी। शपथ ग्रहण समारोह राजभवन में सुबह 11:45 बजे शुरू हुआ। शपथ समारोह के मद्देनजर राजभवन और उसके आसपास सुरक्षा को बढ़ा दिया गया था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक एच के पाटिल, कृष्ण बायरेगौड़ा, डॉ. एच सी महादेवप्पा,एन चेलुवरायस्वामी, के वेंकटेश, प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव और प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष ईश्वर खंड्रे उन विधायकों में शामिल हैं, जिन्हें आज मंत्री पद की शपथ दिलाई गई।

क्या है जातिगत समीकरण?

कांग्रेस ने जिन्हें मंत्री बनाया है, उनमें 6 लिंगायत और 4 वोक्कलिगा विधायक हैं। वहीं, 3 विधायक अनुसूचित जाति और 2 अनुसूचित जनजाति से आते हैं। साथ ही 5 अन्य पिछड़ा वर्ग से आने वालों को मंत्री बनाया गया हैं। दिनेश गुंडु राव के रूप में ब्राह्मण समाज को भी कर्नाटक मंत्रिमंडल में जगह मिली है।

किस क्षेत्र से कितने मंत्री?

कल्याण कर्नाटक और पुराना मैसूर क्षेत्र से 7-7 विधायक, मध्य कर्नाटक से दो और कित्तूर कर्नाटक क्षेत्र से छह विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। एक दिन पहले ही शुक्रवार रात जारी एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि सीएम सिद्धारमैया ने वरिष्ठ और कनिष्ठ विधायकों को उचित सम्मान देने के साथ क्षेत्रीय और जाति समीकरणों का ध्यान रखकर मंत्रिमंडल में बैलेंस कायम किया है। साथ ही बयान में यह भी कहा गया था कि मंत्रीमंडल में 8 लिंगायत होंगे। इनमें समुदाय के कई उप-संप्रदायों को जगह दिया गया है।

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