
नई दिल्ली/भोपाल, रफ्तार डेस्क। कांग्रेस में कलह की कहानी काफी पुरानी है। आजादी के बाद से ही इसमें कई बार टूट पड़ी है। ताजा चर्चा एक बार फिर मध्य प्रदेश को लेकर है। यहां पर एक बार फिर निशाने पर हैं कमलनाथ। इस बार निशाना साधा है कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पद से हटाए गए वीरेंद्र बिहारी शुक्ला ने। हालांकि यहां पर बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ पर पहले भी कई बार आरोप लग चुका है। एक बड़ा मौका था जब 2018 में कांग्रेस की सरकार मध्यप्रदेश में बनी थी तब उसके मात्र 15 महीने बाद ही सरकार गिर गई थी। इस बार उन निशाना साधा था कांग्रेस के ही पूर्व वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया। आइए जानते हैं पूरी कहानी।
सिंधिया से टक्कर में गिरी थी कमलनाथ की सरकार
साल 2018 से पहले का वक्त था। दिग्विजय सिंह, कमलनाथ और सिंधिया की तिगड़ी ने मिलकर जनता के बीच में जाकर आशीर्वाद मांगा। जनता ने भाजपा की बजाय कांग्रेस को चुना। इसके बाद शुरू होती है सत्ता को लेकर लड़ाई। कांग्रेस की ओर से कमलनाथ का राजतिलक किया जाता है और सिंधिया को सत्ता से दूर रखा जाता है। इसके कारण कांग्रेस से बगावती तेवर अपना कर सिंधिया ने पार्टी तोड़कर अपने शुभचिंतकों को लेकर भाजपा का दामन थाम लिया। इसके बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिर गई थी।
सिंधिया को बताया तोप
सरकार गिरने के बाद ही दोनों नेताओं में तू-तू, मैं-मैं चल रही थी। कमलनाथ ने एक बार मीडिया में ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि सिंधिया तोप होते तो फिर भारतीय जनता पार्टी महापौर का चुनाव ग्वालियर और मुरैना में क्यों हार जाती। हमें ऐसे किसी सिंधिया की जरूरत नहीं।
क्या है ताजा मामला
मध्यप्रदेश के डिंडौरी कांग्रेस जिलाध्यक्ष पद से हटाए गए वीरेंद्र बिहारी शुक्ला ने अपनी दर्दभरी कहानी गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के सामने रखी। उन्होंने मिश्रा को फोन कर अपना दुखड़ा सुनाया। वीरेंद्र बिहारी शुक्ला ने खुद और परिवार के लोगों को जान का खतरा बताया और मदद मांगी। इसकी जानकारी खुद गृहमंत्री ने दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने मेरे चरित्र की हत्या कर दी। मेरा पूरा परिवार खतरे में है मेरी मदद कीजिए। इस दौरान वह फूट-फूट कर रोए।
क्या कहते हैं मंत्री नरोत्तम मिश्रा
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भोपाल में कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को ऐसा नहीं करना चाहिए था। शुक्ला आपका जिला अध्यक्ष था। आपको तानाशाह कह दिया तो आप इतने बड़े डिक्टेटर हो गए कि उसकी चरित्र हत्या की कोशिश करने लगे और उसे परेशान किए। यह आपका दूसरा ही रूप कार्यकर्ता देख रहे हैं। वे या तो 'जय-जय कमलनाथ' बोलें, नहीं तो अनुशासनात्मक कार्रवाई कर कांग्रेस का मीडिया सेल उनकी चरित्र हत्या करता है। बता दें कि शुक्ला को कुछ समय पहले ही जिला अध्यक्ष पद से पार्टी ने हटाया था। इसके बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कमलनाथ पर निशाना साधा था। इसके बाद 26 मई को उन्हें कांग्रेस से छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया जिसके बाद मामला प्रकाश में आया।
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