जगदलपुर : नरसिंग नाथ ने पुराणों का बस्तर के स्थानीय भतरी भाषा में किया अनुवाद
जगदलपुर, 04 फरवरी (हि.स.)। जिले के बकावण्ड तहसील के अंर्तगत ग्राम पंचायत सतलावण्ड निवासी ग्रामीण नरसिंग नाथ ने जब हिन्दू धर्म और धार्मिक ग्रंथों को लेकर कुप्रचार किया जा रहा है, ऐसे संक्रमण काल में गीता, लक्ष्मी पुराण, विष्णु पुराण, आलेख लीला, श्री भागवत पुराण, कली भारत जैसे पुराणों का बस्तर के स्थानीय भतरी भाषा में अनुवाद कर धार्मिक ग्रंथों के माध्यम से भारत की सनातन अध्यात्म को ग्रामीणों तक सहजता से पहुचा रहे हैं। ग्रामीण नरसिंग नाथ के द्वारा धार्मिक ग्रंथों का बस्तर के स्थानीय भतरी भाषा में अनुवाद करना अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है। नरसिंग नाथ धार्मिक ग्रंथों के माध्यम से भारत की सनातन परंपराओं की नीव को मजबूती प्रदान करने का काम कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि बस्तर में भतरी नाट का बड़ा आकर्षण आज भी देखने को मिलता है। भतरी नाट बस्तर की समृध्द सांस्कृतिक विरासत है, जिसमें धार्मिक ग्रंथों के पात्रों का सजीव चित्रण देखने को मिलता है। यही आधार नरसिंग नाथ को धार्मिक ग्रंथों का बस्तर के स्थानीय भतरी भाषा में अनुवाद करने के लिए प्रेरित करता है, ग्रामीणों के मध्य इसे बहुत पसंद किया जा रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/ राकेश पांडे-hindusthansamachar.in