यमन: बच्चों की सुरक्षा के लिये हूथियों के नए संकल्प का स्वागत

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संयुक्त राष्ट्र ने यमन में सशस्त्र संघर्ष से प्रभावित बच्चों की सुरक्षा के लिये एक कार्रवाई योजना पर दस्तख़त किये जाने की सराहना की है. हूथी पक्ष ने दो महीने के राष्ट्रव्यापी युद्धविराम की शुरुआत के मौक़े पर, सशस्त्र संघर्ष में बच्चों का प्रयोग किये जाने के लिये उनकी भर्ती की रोकथाम और इस चलन का ख़ात्मा करने के लिये, संयुक्त राष्ट्र के साथ एक कार्रवाई योजना पर दस्तख़त किये हैं. New Action Plan to strengthen protection of children affected by armed conflict in #Yemen signed with the Houthis. All main parties to the conflict in Yemen have now signed commitments to end & prevent grave violations against #childrenhttps://t.co/xEAAW8aPUl #ACTtoProtect pic.twitter.com/1WIOFGKb4f — Children and Armed Conflict 📍 #CAAC25 (@childreninwar) April 18, 2022 इस सघर्ष में बहुत से बच्चे मारे गए हैं, बहुत से घायल हुए हैं और स्कूलों व अस्पतालों पर भी हमले हुए हैं. बच्चों व सशस्त्र संघर्ष पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष प्रतिनिधि वर्जीनिया गाम्बा ने कहा है, “संयुक्त राष्ट्र बच्चों के अधिकारों के गम्भीर हनन की रोकथाम और उसका ख़ात्मा करने के लिये, संघर्ष के तमाम पक्षों के प्रयासों का स्वागत करता है. हूथी पक्ष द्वारा ये नया संकल्प उस दिशा में एक सकारात्मक व उत्साहनजक क़दम है.” वर्जीनिया गाम्बा ने इस कार्रवाई योजना पर, एक गवाह के रूप में न्यूयॉर्क में दस्तख़त किये और उन्होंने यमनी बच्चों की सुरक्षा पुख़्ता करने के लिये, इस अतिरिक्त उपाय का स्वागत किया. यमन में सात वर्षों के युद्ध में बच्चों को भारी तकलीफ़ें उठानी पड़ी हैं. इस कार्रवाई योजना में क्या है? यमन में संघर्ष में शामिल सभी पक्षों ने इस कार्रवाई योजना पर दस्तख़त करके, बाल अधिकारों के गम्भीर हनन की रोकथाम और ख़ात्मा करने के लिये प्रतिबद्धता व्यक्त की है. हूथियों ने युद्ध के लिये बच्चों की भर्ती बन्द करने और लड़ाई में बच्चों का प्रयोग बन्द करने का संकल्प व्यक्त किया है. इनमें सहायक भूमिकाओं में भी बच्चों का प्रयोग रोका जाना शामिल है. साथ ही बच्चों को छह महीने के दौरान युद्धक भूमिकाओं से मुक्त कर दिया जाएगा और उनके पुनर्वास में मदद की जाएगी. बच्चों को मौत या घायल होने से बचाया जाना और उनके स्वास्थ्य व शिक्षा सुविधाओं की हिफ़ाज़त सुनिश्चित करना भी इस कार्रवाई योजना में शामिल हैं. विशेष प्रतिनिधि का कहना था, “इस यात्रा का सर्वाधिक कठिन हिस्सा अब शुरू हो रहा है.” मानवीय सहायता तक पहुँच विशेष प्रतिनिधि के कार्यालय के अनुसार, यमन युद्ध अब आठवें वर्ष में दाख़िल हो चुका है और ये युद्ध शुरू होने से लेकर अब तक 10 हज़ार 200 से ज़्यादा बच्चे मारे जा चुके हैं या अपंग हुए हैं. और लगभग साढ़े तीन हज़ार से अधिक बच्चों का युद्ध में प्रयोग किये जाने की पुष्टि हुई है. यमन, मानवीय सहायता की उपलब्धता से वंचित किये जाने वाली घटनाओं वाले देशों की सूची में सबसे ऊपर है और प्रभावितों में बच्चे भी शामिल हैं. विशेष प्रतिनिधि ने हूथियों का आहवान किया कि वो इस संघर्ष से प्रभावित समुदायों तक, मानवीय सहायता पहुँचाने वाली एजेंसियों के लिये रास्ते आसान बनाएँ और बच्चों के अधिकारों व ज़रूरतों को प्राथमिकता देने पर विचार करें. उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “कार्रवाई योजना को पूर्ण रूप में लागू किया जाना होगा और इसे यमन में बच्चों की हिफ़ाज़त बेहतर बनाने के लिये, ठोस कार्रवाइयों का रास्ता बनाना होगा.” अन्ततः शान्ति की दरकार यमन के लिये संयुक्त राष्ट्र के रैज़िडैण्ड और मानवीय सहायता कोऑर्डिनेटर डेविड ग्रेसली की नज़र में ये योजना, देश के बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक सही क़दम है. डेविड ग्रेसली का कहना है, “संयुक्त राष्ट्र बच्चों की बेहतरी के लिये प्रतिबद्ध है और इस कार्रवाई योजना को मूर्त रूप देने में, राजधानी सना में मौजूद अधिकारियों और उनके नियंत्रण वाले बलों की मदद कर रहा है.” साथ ही, यूएन बाल एजेंसी – यूनीसेफ़ के प्रतिनिधि फ़िलिप डुआमेले ने इस कार्रवाई योजना पर दस्तख़त किये जाने को, यमन के बच्चों के लिये, एक मील का पत्थर क़रार दिया, जिनकी ज़िन्दगियाँ, संघर्ष से बहुत बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. उन्होंने इस कार्रवाई योजना को लागू किया जाने और बच्चों की हिफ़ाज़त और बेहतरी सुनिश्चित करने में सभी पक्षों का सहयोग देखने की उम्मीद भी जताई. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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