यमन: 'भविष्य बेहतर होने की सम्भावना अधर में लटकी है’

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यमन में संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ मानवीय सहायता अधिकारी ने कहा है कि पूरे देश में संघर्ष और हिंसा जारी रहने का बहुत भारी असर, देश के लोगों पर पड़ा है, जो चाहते हैं कि ये हिंसा व संघर्ष जल्द से जल्द ख़त्म हो जाए, ताकि वो अपनी ज़िन्दगियाँ फिर सामान्य तरीक़े से शुरू कर सकें. यमन में संयुक्त राष्ट्र के रैज़िडैण्ट व मानवीय सहायता संयोजक डेविड ग्रेस्सली ने कहा है कि हमने स्कूलों, फ़ैक्टरियों, सड़कों और पुलों को हुई भारी तबाही देखी है. "I struggled to secure water for my family & had to leave my children alone in our small tent in the IDP camp to fetch some water" said Rahmah. That water was not clean, but @OxfamYemen with funding from @YHF_Yemen built a water tank to change this. Read https://t.co/7KVwBIPAmo pic.twitter.com/Ph6uxQFjkE — Yemen Humanitarian Fund (@YHF_Yemen) October 11, 2021 "हमने बिजली प्रणालियों को हुआ भारी विनाश भी देखा है और सात वर्ष पहले जो चीज़ें काम कर रही थीं, अब उनका नामो-निशान ही मौजूद नहीं है." ध्यान रहे कि बीते सप्ताहान्त अदन हवाई अड्डे पर एक कार बम हमला हुआ है जिसमें कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई और 110 से ज़्यादा घायल हुए हैं. डेविड ग्रेस्सली ने उस कार बम हमले के सन्दर्भ में, तेल समृद्ध मारिब प्रान्त में भी हाल के समय में लड़ाई तेज़ होने के बारे में आगाह किया है. लड़ाई से बन्द होती उपलब्धता उन्होंने सोमवार को जिनीवा में कहा, “इस स्थिति के कारण, और ज़्यादा लोगों का विस्थापन हो रहा है, जबकि वहाँ पहले ही लगभग 10 लाख लोग विस्थापन का शिकार हैं.” “और दूसरी बात ये है बहुत से इलाक़ों में लड़ाई अब भी जारी है और वहाँ हम सहायता नहीं मुहैया करा पा रहे हैं.” यमन में लम्बे समय से अकाल के हालात उत्पन्न हो जाने की सम्भावना को देखते हुए, यमन की मदद करने की ख़ातिर, संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में, मार्च 2021 में तीन अरब 60 करोड़ डॉलर की रक़म इकट्ठा करने की अपील जारी की गई थी. उस अपील के तहत, अभी तक लगभग दो अरब 10 करोड़ डॉलर की धनराशि एकत्र हुई है. डेविड ग्रेस्सली ने बताया कि हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय सत्र के दौरान, 50 से 60 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त रक़म जुटाने के भी संकल्प लिये गए. नाज़ुक हालात उन्होंने कहा कि यमन के भीतर हिंसा व लड़ाई ने हालात बहुत नाज़ुक बना दिये हैं और अगर समय पर सहायता राशि नहीं मिली, यानि वर्ष 2022 तक, तो हालात वैसे ही हो जाएंगे जैसे कि मार्च 2021 में थे. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि यमन के लोगों को केवल आपदा देखभाल से कहीं ज़्यादा सहायता की ज़रूरत है: देश के भीतर ही विस्थापित लोगों को स्वास्थ्य, शिक्षा, पानी की उपलब्धता और उनके लिये आजीविका समर्थन बहुत ज़रूरी है. इन सभी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये जितनी धनराशि की ज़रूरत है, उसमें से केवल 20 प्रतिशत ही प्राप्त हुई है, इसलिये केवल जीवनरक्षक सहायता महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ, अन्य ज़रूरतों को भी नज़रअन्दाज़ नहीं किया जा सकता है. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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