WHO ने बताया- चिकित्सा क्षेत्र में AI का इस्तेमाल गरीब देशों के लिए खतरनाक, ये है बड़ा रिस्क

World Health Organization: स्वास्थ्य देखभाल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस- एआई अर्थात कृत्रिम बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल तेजी से हो रहा है।
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चेन्नई, (हि.स.)। स्वास्थ्य देखभाल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस- एआई अर्थात कृत्रिम बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल तेजी से हो रहा है। इसके उपयोग पर दुनिया भर के वैज्ञानिक का जहां खुश हैं, वहीं एक तबका चिंतित भी है क्योंकि, अचानक हुई गलतियां या जान बूझकर की गई गलतियां नई चुनौती पैदा करेगी। इसलिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर मेडिकल साइंस की अत्यधिक निर्भरता बहुत भरोसेमंद नहीं है। इस बात को उठाते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि इसके प्रयोग पर गाइडलाइंस जरूरी है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सर्वाइकल कैंसर की जांच की जा रही है

वैज्ञानिक अनुसंधान पत्रिका नेचर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक चीन की एक प्रयोगशाला में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सर्वाइकल कैंसर की जांच की जा रही है। इसकी जानकारी होते ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी दी है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर आधारित स्वास्थ्य देखभाल प्रौद्योगिकियों की शुरुआत कम आय वाले देशों के लोगों के लिए "खतरनाक" हो सकती है।

विकासशील प्रौद्योगिकी का उपयोग केवल धनी देशों द्वारा नहीं किया जाए

डब्लूएचओ ने आज बड़े मल्टी-मॉडल मॉडल्स- एलएमएम पर नए दिशा-निर्देशों का जिक्र करते हुए रिपोर्ट जारी की है और कहा है कि विकासशील प्रौद्योगिकी का उपयोग केवल प्रौद्योगिकी कंपनियों और धनी देशों द्वारा नहीं किया जाए। यदि मॉडलों को कम संसाधन वाले स्थानों के लोगों के डेटा पर प्रशिक्षित नहीं किया जाता है तो उन आबादी को "अल्गोरिथम"( कंप्यूटर की अंक गणना) द्वारा खराब सेवा प्रदान की जा सकती है।

सामाजिक ताने-बाने में मौजूद असुविधा,असमानता और मौजूदा चुनौतियों शामिल है

डब्ल्यूएचओ के डिजिटल स्वास्थ्य और नवाचार के निदेशक एलेन लैब्रिक ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “ आज प्रौद्योगिकी के होड़ में हम जो आखिरी चीज देखना चाहते हैं, वह दुनिया भर के देशों के सामाजिक ताने-बाने में मौजूद असुविधा,असमानता और मौजूदा चुनौतियों शामिल है। इसे नकारा नहीं जा सकता।”

डब्ल्यूएचओ ने 2021 में कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर अपना पहला दिशा-निर्देश जारी किया था

डब्ल्यूएचओ ने 2021 में स्वास्थ्य देखभाल में कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर अपना पहला दिशा-निर्देश जारी किया था। लेकिन एलएमएम की शक्ति और उपलब्धता में वृद्धि के कारण संगठन को तीन साल से भी कम समय में सुधार करने के लिए कोशिश की गई।

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