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विश्व खाद्य दिवस: खाद्य प्रणालियों में जीवनरक्षक, रूपान्तरकारी बदलावों की पुकार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने शनिवार, 16 अक्टूबर, को ‘विश्व खाद्य दिवस’ के अवसर पर जारी अपने सन्देश में, टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये, खाद्य प्रणालियों में परिवर्तनशील कार्रवाई की पुकार लगाई है. उन्होंने कहा है कि इन बदलावों के ज़रिये सर्वजन के लिये बेहतर पोषण, बेहतर पर्यावरण और हर इनसान के लिये एक बेहतर ज़िन्दगी को सुनिश्चित किया जा सकता है. On this #WorldFoodDay & every day, we can all be #FoodHeroes. Together, we can create a better & more sustainable world! Our food choices have an impact on 👇 🌱 food production 🍎 our nutrition 🌎 the environment 👩👩👧👧 our lives Our actions are our future! pic.twitter.com/67Z6BdPHFk — FAO (@FAO) October 15, 2021 महासचिव गुटेरेश ने ध्यान दिलाया कि विश्व खाद्य दिवस, पृथ्वी पर रहने वाले हर व्यक्ति के लिये ना केवल भोजन की महत्ता याद दिलाने का एक मौक़ा है बल्कि – ये दुनिया भर में खाद्य सुरक्षा हासिल करने के लिये कार्रवाई करने की एक पुकार भी है. “इस समय, सम्पूर्ण मानवता का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा यानि – क़रीब तीन अरब लोग – एक स्वस्थ भोजन की ख़ुराक का प्रबन्ध करने में समर्थ नहीं है.” यूएन प्रमुख ने आगाह किया कि भुखमरी लगातार बढ़ रही है, अल्प-पोषण और मोटापे के साथ रह रहे लोगों की संख्या बढ़ रही है, और कोविड-19 के आर्थिक प्रभावों ने, पहले से ख़राब स्थिति को और बदतर बना दिया है. “इन प्रभावों के परिणामस्वरूप, क़रीब 14 करोड़ अतिरिक्त लोगों को, उनकी ज़रूरत के अनुसार, भोजन नहीं मिल पा रहा है.” उन्होंने चिन्ता जताई कि खाद्य सामग्री के उत्पादन, उपभोग के तौर-तरीक़ों और भोजन बर्बादी की हमारी पृथ्वी को भारी क़ीमत चुकानी पड़ रही है. “ये सब, हमारे प्राकृतिक साधनों, जलवायु और प्राकृतिक पर्यावरण पर अभूतपूर्व दबाव डाल रहा है – और हर साल हमें खरबों डॉलर से भी ज़्यादा का नुक़सान पहुँचा रहा है.” कार्रवाई का आहवान महासचिव ने ध्यान दिलाया कि मौजूदा हालात को बदलने की ताक़त हमारे अपने हाथों में है. “हमारी कार्रवाइयाँ ही हमारा भविष्य हैं.” उन्होंने पिछले महीने, संयुक्त राष्ट्र खाद्य सम्मेलन का ज़िक्र किया, जिसमें देशों ने, खाद्य प्रणालियों में बदलाव के लिये साहसिक संकल्प व्यक्त किये थे. इसका उद्देश्य स्वस्थ भोजन ख़ुराकें ज़्यादा सुलभ व सस्ती बनाना है. साथ ही खाद्य प्रणालियों को ज़्यादा कुशल, सहनशील और हर क़दम पर टिकाऊ बनाने के लिये – उत्पादन से लेकर प्रसंस्करण तक, विपणन से लेकर परिवहन और आपूर्ति तक – प्रयास किये जाएँगे. “हम जिस तरह से भोजन खाते हैं, उसमें पूरी तरह बदलाव कर सकते हैं, और ज़्यादा स्वस्थ विकल्प चुन सकते हैं – ख़ुद के लिये, और हमारे ग्रह के लिये. उन्होंने कहा कि हमारी खाद्य प्रणालियों में, उम्मीद बसी हुई है और सर्वजन के लिये बेहतर पोषण, पर्यावरण और जीवन के संकल्प को साकार किया जा सकता है. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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