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चीन विरोधी गुट बनाने के पीछे किसका हाथ है?

बीजिंग, 10 जुलाई (आईएएनएस)। पश्चिमी देशों की ओर से कनाडा ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के 47वें सत्र में एक बयान में शिनच्यांग, हांगकांग और तिब्बत से संबंधित मुद्दों पर चीन के खिलाफ अनुचित आरोप लगाए हैं। कुछ देशों ने उन मानवीय संकटों से आंखें मूंद ली हैं जो उन्होंने पैदा किए हैं और अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों में चीन विरोधी गुट बनाने में शामिल हो गए हैं। यह बिल्कुल स्पष्ट है कि चीन विरोधी गुट बनाने के पीछे किसका हाथ है। इजराइल के प्रमुख अंग्रेजी अखबार जेरूसलम पोस्ट सहित कई मीडिया संस्थानों की रिपोटरें के अनुसार, इजराइल ने अमेरिका के दबाव में चीन विरोधी संयुक्त बयान का समर्थन किया है। पद संभालने के बाद से, जो बाइडेन प्रशासन बहुपक्षवाद के बैनर तले आधिपत्य और सत्ता की राजनीति कर रहा है, चीन से संबंधित अफवाहों को गढ़ना और फैलाना, मानवाधिकारों के मुद्दों का राजनीतिकरण करना और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में चीन विरोधी गुट बनाने का प्रयास कर रहा है। दरअसल, अमेरिका का उद्देश्य चीन को दबाना और नियंत्रित करना और दुनिया पर अपना आधिपत्य बनाए रखना है। शिनच्यांग, हांगकांग और तिब्बत से संबंधित मुद्दों पर चीन को बदनाम करने के लिए अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के कदम और मानवाधिकार के मुद्दों के बहाने चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करना अंतरराष्ट्रीय कानून और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को नियंत्रित करने वाले बुनियादी मानदंडों के खिलाफ है। 24 जून को, चीन के राज्य परिषद सूचना कार्यालय ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और मानवाधिकार संरक्षण- एक 100 साल की खोज शीर्षक एक श्वेत पत्र जारी किया, जो मानवाधिकारों के सम्मान और सुरक्षा में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के दर्शन और व्यवहार का एक व्यापक और व्यवस्थित परिचय प्रदान करता है। चीन का मानवाधिकार विकास इसकी वास्तविकताओं में निहित है और अपनी जनता की सेवा करता है। चीन निर्वाह और विकास के अधिकारों को प्राथमिक और बुनियादी मानवाधिकार मानता है। लेकिन इसके विपरीत, अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों में मानवाधिकारों के उल्लंघन के भयानक रिकॉर्ड हैं। अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों द्वारा चीन विरोधी गुट बनाकर चीन को दबाने और नियंत्रित करने के प्रयास जरूर विफल होंगे। यूएनएचआरसी सत्र में, 90 से अधिक देशों ने न्याय के लिए अपील की, और चीन के ²ष्टिकोण का समर्थन किया। साथ ही, मानवाधिकारों के मुद्दों पर राजनीतिकरण और दोहरे मानकों का विरोध भी किया। चीन अपने स्वयं के मानवाधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने और अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा करने के लिए ²ढ़ संकल्पित है। इसके विपरीत, अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश मानवाधिकारों के मुद्दों और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर सांठ-गांठ करते हैं और टकराव के लिए विचारधारा के आधार पर गुट बनाते हैं, जो उनके पाखंड और दोहरे मानकों को प्रकट करता है। अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों को तथ्यों को समझना चाहिए, शांतिपूर्ण विकास के लिए समय की प्रवृत्तियों के अनुरूप होना चाहिए, और सभी देशों के लोगों के अधिकार का सम्मान करना चाहिए कि वे अपनी राष्ट्रीय परिस्थितियों के आलोक में मानवाधिकारों के विकास के मार्ग को स्वतंत्र रूप से चुनें, और जीत की तलाश करें। यही एकमात्र सही रास्ता है। (लेखक: अखिल पाराशर, चाइना मीडिया ग्रुप, बीजिंग) --आईएएनएस एएनएम

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