नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को रूस में हुए चुनाव में रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल हुई है। वे फिर से और मजबूती के साथ सत्ता में आ गए हैं। व्लादिमीर पुतिन अब पांचवीं बार रूस के राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। वहीं इस चुनाव में उनके विरोधियों ने भारी संख्या में मतदान केन्द्रो में विरोध प्रदर्शन भी किया था। रविवार को हुए इस मतदान में व्लादिमीर पुतिन की भारी मतों से जीत हुई है। वहीं अमेरिका ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की जीत को गलत तरीके से हुए वोटो के कारण बताया। अमेरिका का कहना है कि वोटिंग स्वतंत्र नहीं थी और न ही निष्पक्ष थी।
रूस के राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों का हाल
मिली जानकारी के अनुसार पुतिन को 60% क्षेत्रो में वोटो की गणना के बाद 87.98% वोट हासिल हुए थे। एग्जिट पोल में भी इस तरह के ही अनुमान लगाए जा रहे थे। वहीं एक एग्जिट पोल के अनुसार राष्ट्रपति पुतिन को इस चुनाव में 87.8% वोट मिलने की उम्मीद है। यह सोवियत इतिहास के बाद राष्ट्रपति पुतिन के नाम भारी मतों से जीत हासिल करने वाले नेता के रूप में है। एग्जिट पोल ने पहले ही इन नतीजों का सही सही अनुमान लगा लिया था। रूस के चुनाव अधिकारियों के अनुसार कुल 74.22 प्रतिशत मत डाले गए है, जो कि वर्ष 2018 के मत प्रतिशत( 67.5 %) से भी आगे है।
दूसरे नंबर पर आने वाले निकोलाई खारितोनो हैं
रूस के चुनावी नतीजों के अनुसार राष्ट्रपति पुतिन पांचवी बार राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं, जिसके अनुसार उन्होंने अपना आगे का पूरे 6 साल का राष्ट्रपति का कार्यकाल सुरक्षित कर लिया है। इस प्रकार पुतिन का रुस के 200 वर्षो से अधिक के इतिहास में सबसे अधिक समय तक शासन करने वाले नेता के रूप में रिकॉर्ड बनने जा रहा है। इस प्रकार राष्ट्रपति पुतिन जोसेफ स्टालिन से आगे निकल गए हैं। अभी तो ये प्रारंभिक नतीजे ही है और इसके अनुसार पुतिन इस चुनाव को जीतते हुए नंबर एक में हैं। वहीं रूस में हुए इस राष्ट्रपति चुनाव में दूसरे नंबर पर आने वाले कम्युनिस्ट उम्मीदवार निकोलाई खारितोनो हैं। इसके अलावा व्लादिस्लाव दावानकोव तीसरे और लियोनिद स्लटस्की चौथे नंबर पर हैं। वाक्य में यह पुतिन की बहुत बड़ी जीत है।
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