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यूएन शान्तिरक्षक को असाधारण वीरता के लिये मरणोपरान्त सर्वोच्च सम्मान

यूएन शान्तिरक्षक और चाड के कैप्टन अब्दल रज़्ज़ाख़ हामित बहार को असाधारण साहस के लिये, मरणोपरान्त संयुक्त राष्ट्र शान्तिरक्षा के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किये जाने की घोषणा की गई है. संयुक्त राष्ट्र शान्तिरक्षकों के लिये, वर्ष 2014 में इस सम्मान की शुरुआत के बाद से, केवल दूसरी बार यह पुरस्कार दिया जाएगा. कैप्टन अब्दल रज़्ज़ाख़ जनवरी 2021 से माली में संयुक्त राष्ट्र मिशन (MINUSMA) में एक शान्तिरक्षक के रूप में सेवारत थे. Captain Abdelrazakh Hamit Bahar of Chad lost his life defending a @UN_MINUSMA base against terrorists, saving countless peacekeepers & civilians. His family will receive the Diagne Medal of Exceptional Courage in his name from @antonioguterres. #PKDay 👉https://t.co/LYw6Qf2MkJ pic.twitter.com/rygOlHVX3z — UN Peacekeeping (@UNPeacekeeping) May 24, 2022 देश के पूर्वोत्तर में स्थित ऐगेलहॉक सुपर कैम्प में उनकी तैनाती के दौरान, एक सशस्त्र आतंकवादी गुट ने शिविर व उसकी चौकियों पर क़ब्ज़ा करने के लिये हमला किया. कैप्टन अब्दल रज़्ज़ाख़ ने कैम्प का बचाव करने, अपने साथियों की रक्षा करने और आम लोगों को हताहत होने से बचाने के लिये निडरता से हमले को विफल करने के लिये जवाबी कार्रवाई की. मगर, इलाक़े को सुरक्षित करने के दौरान उन्होंने देखा कि हथियारबन्द हमलावर पास में ही स्थित घर में घुस गए हैं. अपने साथियों और आम नागरिकों की हर हाल में रक्षा करने का दृढ़ संकल्प दर्शाते हुए, उन्होंने अकेले ही घर को आतंकियों से मुक्त कराने और नियंत्रण में लेने की ज़िम्मेदारी सम्भाली. इसी दौरान, गोली लग जाने से उनकी मौत हो गई. यह घटना अप्रैल 2021 के शुरुआती दिनों की है. प्रतिबद्धता की मिसाल शान्ति अभियानों के लिये संयुक्त राष्ट्र में अवर महासचिव ज्याँ-पियेर लाक्रोआ ने कहा कि अन्य लोगों की जीवन रक्षा के लिये, कैप्टन अब्दल रज़्ज़ाख़ की अपने जीवन को जोखिम में डालने की तत्परता, उन दस लाख से अधिक शान्तिरक्षकों के साहस व समर्पण का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जो वर्ष 1948 के बाद से हिंसक संघर्षों में अग्रिम मोर्चे पर सेवारत रहे हैं. यूएन के शीर्ष अधिकारी ने ध्यान दिलाया कि कैप्टन अब्दल रज़्ज़ाख़ का त्याग, विश्व की सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में महत्वपूर्ण दायित्व निभा रहे यूएन शान्तिरक्षकों के समक्ष मौजूद व बढ़ते ख़तरों को भी रेखांकित करता है. “कैप्टन अब्दल रज़्ज़ाख़ ने शान्ति की दिशा में प्रयास करते हुए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया. हम उनकी क्षति पर उनके परिजनों, सहकर्मियों और चाड देश के साथ शोक संतप्त हैं.” “उनकी निस्वार्थ सेवा हम सभी को प्रेरित करती है, और उन्हें सम्मानित करने पर हमें गर्व है.” सर्वोच्च सम्मान न्यूयॉर्क में एक समारोह के दौरान, कैप्टन अब्दल रज़्ज़ाख़ को मरणोपरान्त ‘अभूतपूर्व साहस के लिये कैप्टन म्बाये डियाने मैडल' से (Captain Mbaye Diagne Medal for Exceptional Courage) सम्मानित किया जाएगा, जिसे उनके परिजन प्राप्त करेंगे. यह मैडल कैप्टन म्बाये डियाने की स्मृति में दिया जाता है, जिन्होंने वर्ष 1994 में रवाण्डा में एक शान्तिरक्षक के तौर पर सेवाएँ प्रदान करते हुए, सैकड़ों ज़िन्दगियों की रक्षा की. इन्ही प्रयासों के दौरान उन्होंने अपने प्राणों का बलिदान किया था. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने वर्ष 2014 में संयुक्त राष्ट्र शान्तिरक्षकों के लिये इस सर्वोच्च सम्मान की शुरुआत की थी. यह एक आधिकारिक सम्मान है, जिसका उद्देश्य अभूतपूर्व वीरता का परिचय देने वाले वर्दीधारी और असैनिक शान्तिरक्षकों को सम्मानित करना है. इसके बाद से यह दूसरी बार है, जब पुरस्कार दिया जा रहा है. अन्य पुरस्कार तीन अन्य शान्तिरक्षकों को संयुक्त राष्ट्र महासचिव की ओर से एक सराहना पत्र सौंपा जाएगा, जिन्होंने अपने दायित्व का निर्वहन करते समय वीरता का परिचय दिया है. लैफ़्टिनेंट कर्नल चाहटा अली महामत (चाड) 2 अप्रैल 2021 को माली के ऐगेलहॉक सुपर कैम्प पर सशस्त्र आतंकी गुट के हमले के दौरान, MINUSMA में सेवारत, वरिष्ठ अधिकारी ने जवाबी हमले में निडरता का परिचय देते हुए अग्रणी भूमिका निभाई. उन्हें हमले को विफल करने में सफलता मिली और साथ ही 16 घायल शान्तिरक्षकों को तत्काल सुरक्षित स्थान पर ले जाना भी सम्भव हुआ. सार्जेंट क्रिस्टोफ़र खोसे सिटान रामोस (ग्वाटेमाला) काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य में एक हथियारबन्द गुट ने 30 जनवरी 2022 को MONUSCO के उस गश्ती दल पर हमला किया, जिसमें सार्जेंट क्रिस्टोफ़र भी थे. वह हमले के दौरान गोली लगने से घायल हो गए, मगर इसके बावजूद, उन्होंने असाधारण बहादुरी का परिचय देते हुए, जवाबी गोलियाँ चलाना जारी रखा ताकि लड़ाकों को पीछे धकेला जा सके. कैप्टन मोहम्मद माहताब उद्दीन (बांग्लादेश) कैप्टन मोहम्मद ने नवम्बर 2021 में दक्षिण सूडान में UNMISS मिशन के एक वरिष्ठ अधिकारी होने के नाते, हथियारबन्द गुटों के साथ बातचीत में हिस्सा लिया, ताकि टोन्ज में आम नागरिकों और यूएन कर्मचारियों पर हमलों की रोकथाम की जा सके. उस दौरान जारी झड़पों में उन्होंने क़रीब 1,300 आम लोगों को सुरक्षा व शरण प्रदान की, जिनमें महिलाएँ, बच्चे और बुज़ुर्ग थे और तनाव दूर करने व शान्ति क़ायम करने के प्रयास किये. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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