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यूएन आपदा राहत कोष, साझा इनसानियत में आशा की किरण जगाता है

संयुक्त राष्ट्र आपदा राहत मामलों के संयोजक मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने बुधवार को एक उच्च स्तरीय सहायता अपील कार्यक्रम में कहा है कि मानवीय आपदाओं की स्थितियों में त्वरित और संयोजित कार्रवाई की ख़ातिर, केन्द्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (CERF) का गठन किया गया था जो त्वरित और लचीला साबित हुआ है. ये उच्चस्तरीय कार्यक्रम इस कोष की 15वीं वर्षगाँठ के अवसर पर आयोजित किया गया जिसका मक़सद, लगातार बढ़ती और जटिल होती मानवीय सहायता ज़रूरतों को पूरा करने के लिये, देशों की सरकारों की प्रतिबद्धताओं में जान फूँकना था. Thank you @UNCERF for 15 years of funding the first line of response for people caught up in crises around the 🌍, and for being the most reliable and effective funding source in the humanitarian sector. To save lives, we need donor countries to continue to support CERF. pic.twitter.com/G5FKmCg8pU — Tedros Adhanom Ghebreyesus (@DrTedros) December 8, 2021 संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता मामलों के मुखिया मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने कहा कि ये कार्यक्रम, मानवीय सहायता समुदाय को सहायता राशि का वार्षिक बजट एक अरब डॉलर तक पहुँचाने का भी एक अवसर मुहैया कराता है. मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने, यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश की तरफ़ से इस कार्यक्रम में शिरकत की. उन्होंने कहा, “मैं अपने निजी अनुभव से जानता हूँ कि संकटों में फँसे लोगों की मदद करने के लिये, ये सर्वाधिक प्रभावशाली तरीक़ों में से एक है.” सर्वाधिक निर्बलों को प्राथमिकता मिले मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने कहा कि त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता का मतलब है कि कहीं भी आपदा होने पर, मानवीय सहायता संगठन बहुत तेज़ी से हरकत में आ सकते हैं. “यह कोष सिद्धान्तों पर आधारित है, निष्पक्ष है, स्वतंत्र है, और ये केवल ज़रूरत के आधार पर सहायता मुहैया कराता है.” उन्होंने कहा कि यह कोष ऐसे संकटों में सहायता मुहैया कराता है जब अन्य पक्ष उनकी अनदेखी कर देते हैं, यह कोष महिलाओं, विकलांगजन, और अन्य कमज़ोर वर्गों के लोगों की बात सुनता है, और उनकी ज़रूरतों को प्राथमिकता देता है. एक साबित कामयाब मिसाल मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने यूएन आपदा राहत कोष (CERF) को कामयाबी की एक साबित मिसाल क़रार दिया जिसमें लगातार विकास हो रहा है,अनुभव से सबक़ सीखा जा रहा है, और अत्यधिक जटिल व आपस में गुँथे वैश्विक संकटों का सामना करने में, नवाचार अपनाया जा रहा है. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि किसी आपदा का पूर्वानुमान लगाकर पहले से कार्रवाई करना भी बहुत लाभदायक साबित होता है. उन्होंने, इस सम्बन्ध में सोमालिया में सूखे की स्थिति के बारे में पूर्वानुमान का ज़िक्र करते हुए कहा कि यूएन आपदा राहत कोष ने सुनिश्चित किया कि परिवार, जीवित रहने के लिये, अपनी बहुमूल्य सम्पदाएँ बेचे बिना ही, समय पर अपने बच्चों को भोजन परोस सकें. इसी तरह की योजनाएँ 11 अन्य देशों में भी चलाई जा रही हैं. लाखों ज़िन्दगियाँ बचाने के लिये तेज़ क़दमी FAO/Michael Tewelde यूएन आपदा राहत कोष (CERF), इथियोपिया के अनेक जल वंचित इलाक़ों में ज़िन्दगियाँ और आजीविकाएँ बचाने के लिये दो करोड़ डॉलर की सहायता मुहैया करा रहा है. मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने कहा कि मानवीय सहायता ज़रूरतें पूरी करने के मामले में, वर्ष 2021 सर्वाधिक कठिन साबित हुआ है, मगर यूएन आपदा राहत कोष ने चुनौती का सामना करने लिये अपने क़दम तेज़ किये हैं. यूएन आपदा राहत कोष ने पिछले वर्ष लगभग छह करोड़ 90 लाख लोगों तक मदद पहुँचाई, जोकि उससे पिछले वर्ष की तुलना में दो गुना संख्या थी – उनमें से बहुत से लोग कोरोनावायरस महामारी का सामना करने की जद्दोजेहद कर रहे थे. अन्य देशों में मानवीय संकटों की स्थितियों के अलावा, जब अगस्त 2021 में अफ़ग़ानिस्तान में राजनैतिक संकट गहराया तो यूएन आपदा कोष ने, देश में बुनियादी सेवाएँ जारी रखने में मदद के लिये, यूएन एजेंसियों को आपदा राशि मुहैया कराई. इसी तरह, बुर्कीना फ़ासो, काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC), नाइजीरिया, दक्षिण सूडान और यमन में भी सूखे का मुक़ाबला करने और अन्य संकटपूर्ण परिस्थितियों का सामना करने में, करोड़ों लोगों की मदद की. मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने यूएन आपदा राहत कोष (CERF) की कामयाब यात्रा का हिस्सा बनने और इस कोष को धनराशि दान करने वाले 130 दानदाताओं की ज़ोरदार शब्दों में सराहना की. उन्होंने बताया कि इस कोष ने अब तक 100 से अधिक देशों में, ज़िन्दगियाँ बचाने और लोगों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिये, लगभग साढ़े सात अरब डॉलर की धनराशि मुहैया कराई है. उनका ये भी कहना था कि आज के समय में दुनिया भर में मानवीय सहायता ज़रूरतें, 15 वर्ष पहले इस कोष के वजूद में आने के समय की तुलना में, सात गुना ज़्यादा हैं, और लम्बी अवधि तक जारी संघर्षों व जलवायु परिवर्तन जैसे संकटों के कारण, बहुत से समुदाय जीवित रहने के लिये संघर्ष कर रहे हैं, कोविड-19 महामारी ने इन परिस्थितियों को और ज़्यादा जटिल बनाया है. वर्ष 2016 में सदस्य देशों ने इस कोष की राषि एक अरब डॉलर तक पहुँचाने का आहवान किया था. अलबत्ता, दानदाताओं की दरियादिली के बावजूद, इस वर्ष भी ये लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सका है. मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने तमाम देशों से, अपने मानवीय सहायता संकल्पों से सम्बन्धित राशि का केवल छोटा सा हिस्सा, यूएन आपदा राहत कोष (CERF) को हर साल आबण्टित करने की अपील की. उन्होंने कहा, “यूएन आपदा राहत कोष एक कठिन और मायूसी की छाया में, आशा की एक किरण जगाता है. आइये, साझा इनसानियत की ख़ातिर, हम सभी, उम्मीद की वो रौशनी जगाएँ.” --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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