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यूक्रेन: मानवीय स्थिति लगातार बिगड़ने के दौरान, एजेंसियों की सहायता सक्रियता जारी

यूक्रेन में स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं पर रूस की विध्वंसक गोलाबारी व हमलों के बीच, संयुक्त राष्ट्र की सहायता एजेंसियों ने कहा है कि वो देश के सबसे भीषण हालात वाले लोगों तक मदद पहुँचाने के लिये, सक्रियता बनाए हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के अनुसार, यूक्रेन पर रूसी हमले को लगभग सात सप्ताह हो चुके हैं और क़रीब 60 लाख लोगों को खाद्य व नक़दी सहायता की आवश्यकता है. एजेंसी ने बूचा, इरपिन, होस्टोमेल और बोरोडियेन्का इलाक़ों में भी सहायता पहुँचाई है, जहाँ अब से पहले पहुँचना मुश्किल था. 💥The war in #Ukraine is having a ripple effect on global hunger. 📈47 million more people may be pushed into acute forms of hunger as a result. ⚠️This comes on top of a year when needs are already outpacing the resources made available to help. https://t.co/uUczwd7zPy pic.twitter.com/hCghlPoJAC — World Food Programme (@WFP) April 19, 2022 ये घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सोमवार को यूक्रेन में एक मानवीय युद्धविराम की अपनी पुकार फिर दोहराई. उनके प्रवक्ता ने कहा कि यूएन प्रमुख, यूक्रेन में अनेक शहरों में हमले जारी रहने पर बहुत चिन्तित हैं... जिनके कारण बड़ी संख्या में आम लोग हताहत हो रहे हैं और आवासीय इलाक़ों में भी भारी तबाही हो रही है. जन पलायन जारी संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी – UNHCR ने कहा है कि महिलाएँ, बच्चे और विकलांग लोगों का, यूक्रेन के विभिन्न इलाक़ों से पलायन जारी है, इसलिये सुरक्षित इलाक़ों में पनाह चाहने वाले लोगों के लिये अन्य देशों की सीमाएँ खुली रखना बहुत महत्वपूर्ण है. जिनीवा में एजेंसी की प्रवक्ता शाबिया मण्टू का कहना था, “ताज़ा आँकड़ों के अनुसार 24 फ़रवरी के बाद से, लगभग 49 लाख लोग, यूक्रेन से बाहर जा चुके हैं.” “हम इस चिन्ता के साथ स्थिति पर नज़र रखे हुए हैं कि आगे क्या होने वाला है, मगर ये बहुत चिन्ताजनक है कि केवल कुछ सप्ताहों की अवधि में, लगभग 50 लाख लोग, बाहर निकलने को मजबूर हुए हैं...” प्रवक्ता ने कहा कि जैसा कि पहले भी कहा गया है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद, योरोप में ये सबसे बड़ा और सबसे त्वरित पलायन है. राहत प्रयास जारी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बताया है कि यूक्रेन के सभी इलाक़ों में मानवीय सहायता सामग्रियाँ पहुँचाने के लिये सुरक्षित समझौते किये जाने के प्रयासों के तहत, रणनैतिक इलाक़ों तक जीवनरक्षक सामग्री और उपकरण पहुँचाने के लिये भरसक कोशिशें की जा रही हैं. यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के प्रवक्ता भानु भटनागर ने, यूक्रेन के पश्चिमी इलाक़े में लिविफ़ से कहा कि संगठन ने देश में अभी तक 218 मीट्रिक टन आपात व चिकित्सा सामग्री पहुँचाई है...उसमें से 132 मीट्रिक टन सामग्री, देश के पूर्व और उत्तर में स्थित अपने गन्तव्य स्थानों तक पहुँच गई है. लिविफ़ पर सोमवार को भी बमबारी की गई. स्वास्थ्य पर हमले यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के प्रवक्ता ने कहा कि यूक्रेन में स्वास्थ्य ढाँचे पर हमलों के कारण मरीज़ों और पेशेवर लोगों की ज़िन्दगियों के लिये लगातार जोखिम बना हुआ है, 24 फ़रवरी के बाद से स्वास्थ्य सेवाओं पर 137 हमलों की पुष्टि हुई है. उनमें से 132 हमलों से स्वास्थ्य सेवाएँ प्रभावित हुई हैं, 16 हमलों से ऐम्बुलेंस जैसे परिवहन साधन, और 24 हमलों में कर्मचारी प्रभावित हुए हैं. 12 हमलों में मरीज़, 27 हमलों में चिकित्सा सामग्री की आपूर्ति और दो हमलों में भण्डारग्रह प्रभावित हुए हैं. प्रवक्ता ने ये भी कहा कि किसी एक हमले के कारण, देश में स्वास्थ्य देखभाल के विभिन्न पहलुओं पर अनेक तरह के प्रभाव होते हैं. मारियुपोल में भुक्तभोगी विश्व खाद्य कार्यक्रम ने दोहराया है कि युद्ध में बुरी तरह तबाह हुए बन्दरगाह शहर मारियुपोल के भीतर और आसपास सहायता सामग्री की आपूर्ति के लिये, सुरक्षित रास्ते निश्चित करना बहुत महत्वपूर्ण है. यूक्रेन में यूएन खाद्य एजेंसी (WFP) के आपदा राहत संयोजक जैकब कर्न का कहना है कि लगभग एक महीना पहले समझा गया था कि मारियुपोल के भीतर लगभग दो लाख 60 हज़ार लोग फँसे रहे गए थे, जिनमें यूक्रेनी सेनाकर्मी शामिल नहीं थे. मगर अब ये अनुमान एक से डेढ़ लाख तक की संख्या होने का है. उनका कहना था कि मारियुपोल में को हर दिन दो से तीन ट्रक के बराबर सहायता सामग्री की आवश्यकता है...सवाल एक महीने में एक बार 10 ट्रक भेज देने का नहीं है. एजेंसी ने देश भर में लगभग 60 हज़ार मीट्रिक टन खाद्य सामग्री का प्रबन्ध कर लिया है जोकि 20 लाख लोग के लिये दो महीनों तक पर्याप्त होगी. 24 फ़रवरी के बाद से 17 लाख लोगों तक खाद्य सहायता पहुँचाई गई है. एजेंसी ने कुल मिलाकर, ख़ारकियेफ़, सूमी और अन्य तबाही वाले शहरों में कमज़ोर हालात वाले परिवारों तक, 113 टन खाद्य सामग्री पहुँचाई है. ये सामग्री 20 हज़ार लोगों के लिये दस दिनों तक पर्याप्त होगी. © WFP/Marco Frattini विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) द्वारा, यूक्रेन के बूचा इलाक़े में खाद्य सामग्री का वितरण. खेतीबाड़ी पर प्रभाव यूएन खाद्य एजेंसी की एक अन्य चिन्ता ये भी है कि यूक्रेन के लगभग 20 प्रतिशत खेतों में, जुलाई में फ़सलों की कटाई नहीं हो सकेगी और उपज हासिल नहीं हो सकेगी. उसके बाद बसन्त में बुआई का दायरा भी सामान्य रूप से छोटा होने की सम्भावना है. यूक्रेन के किसानों के लिये, युद्ध के बाद के समय में अपने अनाजों का निर्यात संभालने की मुख्य चुनौती है क्योंकि देश के दक्षिणी भाग में मौजूद बन्दरगाह, हमलों के कारण बन्द पड़े हैं. अगर किसान अपने अनाजों का निर्यात नहीं कर पाते हैं तो उसके भण्डारण के लिये भी स्थान नहीं बचेंगे. यूएन खाद्य एजेंसी को, रूसी हमले से सम्बन्धित दुनिया भर में खाद्य पदार्थों की बढ़ती क़ीमतों के माहौल में, पिछले साल की तुलना में, उतनी ही खाद्य सामग्री ख़रीदने पर, हर महीने सात करोड़ डॉलर की ज़्यादा रक़म ख़र्च करनी पड़ रही है. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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