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यूक्रेन: बढ़ते जोखिम पर, वरिष्ठ यूएन हस्तियों ने भी जताई चिन्ता

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट और कुछ अन्य वरिष्ठ हस्तियों ने भी, यूक्रेन के दो पूर्वी क्षेत्रों – दोनेत्स्क और लूहान्स्क के कुछ इलाक़ों को, स्वतंत्र प्रान्तों के रूप में मान्यता देने के रूस के फ़ैसले के बाद, इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र की चिन्ता में अपनी आवाज़ शामिल की है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने मंगलवार को कहा, “मैं बहुत गहराई से चिन्तित हूँ कि सैन्य कार्रवाई में किसी भी तरह का भड़काव, मानवाधिकारों के गम्भीर उल्लंघन और अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के भी उल्लंघन का व्यापक जोखिम उत्पन्न करता है.” 1/3: @mbachelet on #Ukraine 🇺🇦: "Following the decision by the President of Russia, I am deeply concerned that any significant escalation in military action creates a heightened risk of serious human rights violations as well as violations of international humanitarian law." pic.twitter.com/eGd687z6fC — UN Geneva (@UNGeneva) February 22, 2022 उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इस समय सबसे ज़्यादा प्राथमिकता किसी भी तरह के भड़काव और तनाव में तेज़ी आने से रोकना है, साथ ही आम लोगों के हताहत होने, विस्थापन और सिविल बुनियादी ढाँचे की तबाही से भी बचना होगा. मानवाधिकार उच्चायुक्त ने कहा, “मैं तमाम पक्षों से, युद्धक गतिविधियाँ तुरन्त रोकने, व हिंसा वृद्धि के लिये अनुकूल परिस्थितियाँ तैयार करने के बजाय, बातचीत के लिये रास्ता साफ़ करने की अपील करती हूँ.” उन्होंने आश्वासन दिया कि उनका कार्यालय स्थिति पर नज़दीकी नज़र बनाए हुए हैं जिसमें यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में स्थित सम्पर्क रेखा के दोनों तरफ़ की परिस्थितियों की निगरानी शामिल है. आगे बढ़ने के लिये केवल एक ही रास्ता यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त ने कहा कि रूस द्वारा यूक्रेन के कुछ पूर्वी हिस्सों को स्वतंत्र प्रान्त के रूप में मान्यता देने का फ़ैसला, मिन्स्क समझौतों का उल्लंघन करता है, और ये डर भी बढ़ाता है कि रूस, पूर्ण स्तर वाला हमला करने के लिये तत्पर है. इस मुद्दे पर, संयुक्त राष्ट्र महासभा की भी एक बैठक बुधवार को होने वाली है. यूएन महासभा अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने, इस सन्दर्भ में एक वक्तव्य जारी करके, तमाम पक्षों से बातचीत को और ज़्यादा सघन बनाने व संवाद के ज़रिये ही, मौजूदा तनाव को कम करने की पुकार लगाई है. उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि यूएन चार्टर, इसके उद्देश्यों व सिद्धान्तों के लिये पूर्ण प्रतिबद्धता ही, टिकाऊ शान्ति सुनिश्चित करने का एक रास्ता है. एक स्पष्ट स्मरण संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता एजेंसी – OCHA ने जिनीवा में पत्रकारों को बताया कि यूक्रेन के विभिन्न इलाक़ों में हाल के दिनों में, युद्धक गतिविधियों में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. एजेंसी के प्रवक्ता येन्स लाएर्के ने इस स्थिति को वास्तविकता की एक ऐसी तस्वीर बताया जिसमें यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में रहने वाले बच्चों, महिलाओं और पुरुषों ने, पिछले आठ वर्षों के दौरान, मुश्किलों का सामना किया है. प्रवक्ता ने कहा, “हम हर एक से, और तमाम पक्षों से, इस बहुत ही नाज़ुक स्थिति में, आम आबादी और सिविल बुनियादी ढाँचे को सुरक्षा मुहैया कराने की अपील करते हैं.” प्रवक्ता ने, पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि यूएन मानवीय सहायता एजेंसी ने, मौजूदा घटनाक्रम से पहले के हालात में ही, एक सहायता कार्यक्रम तैयार करके रखा है, जिसमें सरकार के नियंत्रण के बाहर वाले इलाक़ों में, गत शुक्रवार को एक सहायता क़ाफ़िला भी भेजा गया था. हालाँकि उन्होंने धन की कमी के बारे में आगाह भी किया, और उन्होंने दानदाता समुदाय से अतिरिक्त संसाधन मुहैया कराने की अपील भी की है. यूएन शरणार्थी एजेंसी – UNHCR ने भी इस मौक़े पर कहा है कि वो “उच्च दर्जे वाली अप्रत्याशित” परिस्थितियों पर नज़र बनाए हुए है और किसी नई मानवीय आवश्यकता के हालात में, मदद के लिये मुस्तैद है. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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