ukraine-crisis-efforts-to-save-lives-and-help-the-needy-call-for-a-stop-to-the-war
ukraine-crisis-efforts-to-save-lives-and-help-the-needy-call-for-a-stop-to-the-war

यूक्रेन संकट: जीवनरक्षा व ज़रूरतमन्दों की सहायता के लिये प्रयास, युद्ध पर विराम की पुकार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने गुरूवार को सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए कहा कि यूक्रेन, रूस और पूरी दुनिया की भलाई के लिये युद्ध को रोका जाना होगा. यूएन प्रमुख पिछले सप्ताह रूस व यूक्रेन के दौरे पर थे, और इसी सिलसिले में उन्होंने सदस्य देशों को वहाँ हालात से अवगत कराते हुए मौत, विध्वंस और व्यवधान के इस चक्र पर विराम लगाये जाने की पुकार लगाई है. महासचिव गुटेरेश ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की से बातचीत के दौरान उन्होंने बिना किसी लागलपेट के अपनी बात सामने रखी और क्रूर टकराव को रोके जाने की आवश्यकता को रेखांकित किया. .@antonioguterres at the Security Council today: "The war on #Ukraine is senseless in its scope, ruthless in its dimensions & limitless in its potential for global harm." He reports some progress in evacuation of civilians from besieged Mariupol. Remarks: https://t.co/rshW3Qh2HY pic.twitter.com/oc5XyBE4lq — UN Political and Peacebuilding Affairs (@UNDPPA) May 5, 2022 “मैंने जो बात कीयेफ़ में कही, वही मॉस्को में कहा...यूक्रेन पर रूसी आक्रमण उसकी क्षेत्रीय अखण्डता और यूएन चार्टर का उल्लंघन है.” “यूक्रेन व रूस की जनता और पूरी दुनिया की भलाई के लिये इसका अन्त किया जाना होगा...मौत, विध्वंस, विस्थापन, और व्यवधान के इस चक्र को रोका जाना होगा.” यूएन प्रमुख ने कहा कि वह, मॉस्को की यात्रा करने के बाद यूक्रेन में एक सक्रिय युद्ध क्षेत्र के लिये रवाना हुए, जहाँ फ़िलहाल युद्धविराम की कोई सम्भावना नहीं है. देश के पूर्वी क्षेत्र को अब भी पूर्ण स्तर पर हमले का सामना करना पड़ रहा है. महासचिव ने बताया कि राष्ट्रपति पुतिन से मुलाक़ात के दौरान, उन्होंने घेराबन्दी वाले इलाक़ों को मानव कल्याण के लिये सुलभ बनाने और सुरक्षित निकासी की अनिवार्यता पर ज़ोर दिया था. इसमें सर्वप्रथम मारियुपोल समेत अन्य इलाक़ों का उल्लेख किया गया, जहाँ ऐज़ोवस्टाल स्टीलं प्लांट में भूमिगत स्थलों पर पिछले कई हफ़्तों से बड़ी संख्या में आमजन रहने के लिये मजबूर हैं. कुछ ही समय बाद, उन्होंने रूसी नेता की ओर से इस विषय में सैद्धान्तिक रूप से सहमति प्राप्त हो गई. यूएन महासचिव ने कहा कि इन नारकीय स्थलों से लोगों को बाहर निकाले जाने के लिये हरसम्भव प्रयास किये जाने होंगे. आशा की किरण यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र और रैड क्रॉस के नेतृत्व में एक जटिल मानवीय अभियान संचालित किया जा रहा है और यह कुछ हद तक सफल भी रहा है. “यह 29 अप्रैल को शुरू हुआ, और इसके लिये रूसी महासंघ व यूक्रेनी प्रशासन के साथ विशाल समन्वय व वकालत की आवश्यकता हुई. अब तक, दो सुरक्षित निकासी काफ़िलों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है.” पिछले सप्ताहांत, पहले चरण में 101 आम नागरिकों को मारियुपोल से सुरक्षित उत्तरी इलाक़े में ले जाया गया, जबकि दूसरा चरण बुधवार रात को पूरा हुआ, जिसमें 320 से अधिक लोग सुरक्षित स्थान तक पहुँचे हैं. बताया गया है कि तीसरा अभियान अभी जारी है, मगर फ़िलहाल इस विषय में ज़्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है. मानवीय सहायता अभियान उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र पीड़ाओं में कमी लाने और ज़िन्दगियों की रक्षा के लिये मानवीय राहत अभियान का स्तर बढ़ाया जाना जारी रखा जाएगा. महासचिव के मुताबिक़, दोनों देशों के नेताओं से बातचीत के दौरान विश्वव्यापी खाद्य सुरक्षा पर भी ध्यान केंद्रित किया गया. © UNICEF/Adrian Holerga एक नौ वर्षीय यूक्रेनी लड़की, रोमानिया में अपनी माँ और बिल्ली (नीली टोकरी में) के साथ, हाथ में परिवार का चित्र लेकर, शिक्षा केन्द्र में बैठी है. “वैश्विक खाद्य असुरक्षा का एक अर्थपूर्ण समाधान के लिये यह ज़रूरी है कि यूक्रेन में कृषि उत्पादन और रूस व बेलारूस में खाद्य व उर्वरक उत्पादन को विश्व बाज़ारों में फिर से एकीकृत किया जाए, युद्ध के बावजूद भी.” उन्होंने आगाह किया कि यूक्रेन में जारी युद्ध की वजह से वैश्विक ऊर्जा बाज़ारों में तबाही देखी जा रही है, वित्तीय प्रणालियों में व्यवधान आया है और विकासशील देशों के लिये पहले से ही मौजूद सम्वेदशनशील हालात और गम्भीर हुए हैं. सवा करोड़ विस्थापित मानवीय राहत मामलों में संयोजन के लिये यूएन प्रमुख मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने क्षोभ व्यक्त किया कि बड़े पैमाने पर नागरिक प्रतिष्ठान की बर्बादी हुई है और एक करोड़ 30 लाख यूक्रेनी नागरिक अपना घर छोड़कर जाने के लिये मजबूर हुए हैं. उन्होंने बताया कि बुज़ुर्ग और भाग पाने में अक्षम लोगों के लिये बमों से बचने के लिये शरण पाना, अपनी ज़रूरत का सामान लाना या फिर सुरक्षित निकासी के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त कर पाना मुश्किल हुआ है. यूएन अवर महासचिव के अनुसार, युद्ध की शुरुआत के बाद से लिंग-आधारित हिंसा का ख़तरा बढ़ा है और महिलाओं, लड़कियों, पुरुषों व लड़कों के विरुद्ध यौन हिंसा के आरोपों में तेज़ी आई है. सड़कों पर बड़ी मात्रा में विस्फोटक आयुध बिखरे हुए हैं, जिससे आमजन के लिये जोखिम है और मानवीय राहत काफ़िलों के लिये ज़रूरतमन्दों तक पहुँचना चुनौतीपूर्ण साबित हुआ है. उन्होंने बताया कि बढ़ती ज़रूरतों को पूरा करने के लिये, संयुक्त राष्ट्र और 217 मानवीय राहत साझीदारों ने अपने अभियान का दायरा व स्तर रिकॉर्ड गति से बढ़ाया है. इस क्रम में, देश के 24 क्षेत्रों में 41 लाख ज़रूरतमन्दों तक किसी ना किसी रूप में सहायता पहुँचाई गई है. © UNOCHA/Kateryna Klochko संयुक्त राष्ट्र व रैड क्रॉस के नेतृत्व में मारियुपोल के स्टील प्लांट से आमजन को सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा रहा है. बद से बदतर हो रहे हालात संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने यूक्रेन में अन्तरराष्ट्रीय मानव कल्याण और मानवाधिकार क़ानूनों के उल्लंघन के मामलों पर चिन्ता जताते हुए जवाबदेही तय किये जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से, यूएन कार्यालय ने यूक्रेन में मानवाधिकारों की स्थिति पर नज़र रखी है, और फ़रवरी में रूसी आक्रमण के बाद से कामकाज को एक दिन के लिये भी नहीं रोका गया है. यूएन एजेंसी उच्चायुक्त के अनुसार, हिंसा के आरोपों की पुष्टि की जा रही है, और अनेक मामलों को युद्धापराध की श्रेणी में रखा जा सकता है. “मुझे यह कहते हुए पीड़ा होती है कि हमारी सभी चिन्ताएँ जायज़ हैं, और हालात निरन्तर ख़राब होते जा रहे हैं.” उन्होंने ध्यान दिलाया कि भले ही रूसी आक्रमण का यह 71वाँ दिन हो, यह टकराव पिछले आठ वर्षों से जारी है. जानलेवा घटनाओं के समाचार, जैसेकि अस्पताल, मारियुपोल में थियेटर, क्रैमातोर्स्क में रेलवे स्टेशन और ओडेसा के रिहायशी इलाक़ों पर हमले, स्तब्धकारी ढँग से लगातार हो रहे हैं. मिशेल बाशेलेट ने कहा कि आमजन के हताहत होने के समाचारों के समाप्त होने का फ़िलहाल कोई अन्त नज़र नहीं आ रहा है. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in