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यूक्रेन संकट: ईस्टर पर्व के अवसर पर युद्ध में चार-दिवसीय विराम की पुकार 

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश में यूक्रेन में रक्तपात रोकने, ज़िन्दगियों की रक्षा करने और विनाश से बचने के इरादे से एक अपील जारी करते हुए मानवीय आधार पर युद्ध में चार-दिवसीय ठहराव का आग्रह किया है. ऑर्थोडॉक्स पवित्र सप्ताह के अवसर पर प्रस्तावित यह युद्धविराम, पवित्र गुरूवार को शुरू होकर 24 अप्रैल को ईस्टर रविवार तक लागू किये जाने की बात कही गई है, ताकि लोगों को सुरक्षित बाहर निकलने का अवसर मिल सके और ज़रूरतमन्दों तक सहायता पहुँचाई जा सके. ग़ौरतलब है कि अगले पाँच दिनों में यूक्रेन और रूस में ईस्टर पर्व मनाया जाएगा, जोकि दोनों देशों में ऑर्थोडॉक्स ईसाइयों को एक साथ लाता है. महासचिव गुटेरेश ने मंगलवार को न्यूयॉर्क में पत्रकारों को जानकारी देते हुए ध्यान दिलाया कि ईस्टर का पर्व पुनर्नवीनीकरण, फिर से जी उठने और आशाओं से भरी एक ऋतु है. “यह पीड़ा, त्याग, मौत – और पुनर्जन्म के अर्थ पर चिन्तन-मनन का समय है. यह एकजुट होने का भी एक क्षण है.” I urge all parties – and all champions of peace around the world -- to join my Easter appeal. Save lives. Stop the bloodshed and destruction. Open a window for dialogue and peace. Keep faith with the meaning and the message of Easter - @antonioguterres pic.twitter.com/0JDE0Wyo1Z — UN Spokesperson (@UN_Spokesperson) April 19, 2022 यूएन प्रमुख ने कहा कि इस वर्ष, मगर परिस्थितियाँ अलग हैं. ऑर्थोडॉक्स पवित्र सप्ताह एक ऐसे युद्ध के साये में मनाया जा रहा है, जोकि ईस्टर के इस सन्देश को पूर्ण रूप से नकारता है. नए जीवन के उत्सव के बजाय, इस ईस्टर पर पूर्वी यूक्रेन में रूसी आक्रमण भी हो रहा है. “सैन्य बलों की गहन मौजूदगी और आयुध क्षमता, इस लड़ाई को और अधिक हिंसक, रक्तरंजित और विनाशकारी बनाती है.” यूएन प्रमुख ने क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि अब तक आम लोगों ने जिस पीड़ा को भुगता है, उसकी तुलना में भविष्य में आशंकित भयावह घटनाएँ उसे पीछे छोड़ सकती हैं. “इसे होने देने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.” महासचिव ने कहा कि लाखों लोगों का जीवन दाँव पर लगा है. यूक्रेन में युद्धविराम के लिये अब तक सद्-इच्छा से अनेक प्रयास किये गए हैं, मगर वे विफल साबित हुए हैं. चार-दिवसीय ठहराव संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने पवित्र सप्ताह के अवसर पर मानवीय आधार पर लड़ाई में चार-दिवसीय ठहराव की पुकार लगाई है, जोकि पवित्र गुरूवार को शुरू होकर, 24 अप्रैल को ईस्टर रविवार तक चलेगा. लड़ाई में इस ठहराव के ज़रिये दो महत्वपूर्ण उद्देश्यों को पूरा करने के लिये आवश्यक परिस्थितियों का निर्माण किया जाएगा. उन्होंने सभी पक्षों और दुनिया भर में शान्ति पैरोकारों से ईस्टर अपील में शामिल होने, ज़िन्दगियों को बचाने और ख़ूनख़राबे व तबाही को रोकने का आहवान किया है. पहला, अन्तरराष्ट्रीय रैड क्रॉस समिति के समन्वय में उन सभी आमजन को सुरक्षित निकलने का रास्ता देना जोकि मौजूदा और आने वाले दिनों में टकराव से बचना चाहते हैं. दूसरा, पहले से ही जारी मानवीय राहत अभियान से इतर इस ठहराव के ज़रिये जीवनदायी मानवीय सहायता को सर्वाधिक प्रभावित इलाक़ों, जैसेकि मारियुपोल, ख़ेरसॉन, दोनेत्स्क और लुहान्स्क तक पहुँचाया जाना. मौजूदा हालात में मानवीय ज़रूरतों का आकार बढ़ा है, लोगों के पास भोजन, पानी, बीमारों या घायलों के इलाज के लिये दवा या सामग्री नहीं है. विशाल ज़रूरतें यूएन प्रमुख ने भरोसा दिलाया है कि संयुक्त राष्ट्र ज़रूरतमन्द इलाक़ों में इस अवधि के दौरान मानवीय राहत काफ़िलों को रवाना करने के लिये तैयार है. बताया गया है कि यूक्रेन में एक करोड़ 20 लाख से अधिक लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है, जिनमें से एक तिहाई आबादी मारियुपोल, ख़ेरसॉन, दोनेत्स्क और लुहान्स्क में है. यूएन प्रमुख ने सम्भावना जताई है कि यह संख्या डेढ़ करोड़ के आँकड़े को पार कर सकती है, जोकि देश में मौजूद यूक्रेनी नागरिकों का 40 फ़ीसदी होगा. पिछले सात हफ़्तों में 25 लाख लोगों तक सहायता पहुँचाई गई है, जिनमें से अनेक पूर्वी इलाक़े में हैं. यूएन प्रमुख ने “जीवन-मृत्यु से जुड़े इन कारणों” को ध्यान में रखते हुए यूक्रेन और रूस से बन्दूकों को शान्त करने और तत्काल जोखिम का सामना कर रहे लोगों के बचाव के लिये रास्ता बनाने का आग्रह किया है. महासचिव ने कहा कि चार-दिवसीय अवधि में ज़िन्दगियों को बचाने और यूक्रेन में पीड़ा का अन्त करने के लिये सम्वाद को आगे बढ़ाने का प्रयास किया जाना होगा. यूएन प्रमुख ने कहा है कि सम्वाद व शान्ति की खिड़की को खोला जाना होगा और ईस्टर के अर्थ व सन्देश में भरोसा बनाये रखना होगा. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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